
फिर सुर्खियों में हैं राजा भैया के खिलाफ ऑपरेशन चलाने वाले IAS मोहम्मद मुस्तफा
नोएडा [TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। राजा भैया के खिलाफ ऑपरेशन चलाने वाले IAS मोहम्मद मुस्तफा एक बार फिर फिर सुर्खियों में हैं। सेक्टर-128 स्थित जेपी विश टाउन इंपीरियल कोर्ट सोसायटी में एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी की बेटी ने 29वीं मंजिल से कूदकर सुसाइड कर लिया है। घटना के बाद सोसायटी में हड़कंप मच गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चल पाया है। बताया जा रहा है कि युवती पिछले कुछ समय से तनाव में चल रही थी।
आईएएस की बेटी ने 29वीं मंजिल से कूदकर किया सुसाइड
थाना सेक्टर 126 क्षेत्र के सेक्टर 128 स्थित जेपी विश टाउन सोसाइटी में रहने वाली 19 वर्षीय रिदा मुस्तफा पुत्री मोहम्मद मुस्तफा ने रविवार को अपनी सोसाइटी की 29वीं मंजिल पर स्थित अपने फ्लैट के ऊपर से नीचे छलांग लगा दी। इस घटना में उसकी मौत हो गई। घटना के बाद सोसायटी में हड़कंप मच गया और मौके पर भीड़ जमा हो गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने घटनास्थल की छानबीन कर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। बताया जा रहा है कि रिदा ग्रेजुएशन कर रही थी। वह अपनी पिता की तरह की आईएएस बनना चाहती थी। लेकिन पिछले कुछ समय मानसिक तनाव के चलते उसे सुसाइड कर लिया। इस संबंध में पुलिस का कहना है कि मौके से सुसाइड नोट नहीं मिला है। पुलिस हर पहलु को ध्यान में रखकर घटना की जांच कर रही है।
राजा भैया के खिलाफ की थी कार्रवाई
प्रयागराज के रहने वाले मोहम्मद मुस्तफा 1995 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। मुस्तफा उत्तर प्रदेश के चर्चित आईएएस अधिकारी रहे हैं। मायावती सरकार में राजा भैया के खिलाफ कार्रवाई कर वह चर्चा में आए थे। उन्होंने राजा भैया के खिलाफ ऑपरेशन चलाया था। उन्होंने एक तालाब भी खुदवाया था, जिसमें मगरमच्छ रखे होने की बात सामने आई थी। मोहम्मद मुस्तफा को मायावती का करीबी माना जाता था। मायावती की सरकार में मोहम्मद मुस्तफा काफी ताकतवर अधिकारी थे।
मोहम्मद मुस्तफा का करियर
नौकरी में आने के बाद उनकी पहली नियुक्ति असिस्टेंट मजिस्ट्रेट और असिस्टेंट कलेक्टर के पद पर हुई थी। इस पद पर 4 महीने की ट्रेनिंग के बाद वह 1997 तक बलिया में ही रहे। इसके बाद दूसरे चरण की ट्रेनिंग के लिए वह देहरादून चले गए। दो महीने की ट्रेनिंग के बाद 1997 में ही उन्हें मिर्जापुर का ज्वाइंट मजिस्ट्रेट बना दिया गया। साल 2002 में मुस्तफा पहली बार कानपुर देहात के डीएम बने और 1 महीने बाद उन्हें शिक्षा विभाग में विशेष सचिव की जिम्मेदारी दी गई। नवंबर 2002 में मोहम्मद मुस्तफा को प्रतापगढ़ का डीएम बनाया गया था। वह रामपुर, फतेहपुर, बलरामपुर में भी जिलाधिकारी और कलेक्टर रहे। वर्ष 2011 में वह 4 महीने के लिए झांसी मंडल के कमिश्नर रहे।
जून 2024 में लिया वीआरएस
मुस्तफा वर्ष 2012 से 2020 तक केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रहे। इस दौरान उन्होंने वित्त विभाग के निदेशक, वित्त सेवाओं के संयुक्त सचिव की जिम्मेदारी संभाली। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस आने पर अगस्त से सितंबर 2020 तक उन्हें प्रतीक्षा में रखा गया। फिर 15 सितंबर 2020 को उन्होंने श्रम आयुक्त का पदभार संभाला। इसके बाद जून 2024 में वीआरएस लेकर अपनी सेवा समाप्त कर ली। । write seo friendly hindi Research Base article proper subhead