
फाइल फोटा।
लखनऊ,[TV 47 न्यूज़ नेटवर्क]। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव के बीच हाल ही में कानून-व्यवस्था को लेकर एक तीखी बहस छिड़ी है। मुख्यमंत्री योगी ने दावा किया कि राज्य में सुरक्षा का माहौल पहले से बेहतर हुआ है और लोग अब कानून-व्यवस्था में विश्वास रखते हैं। हालांकि, अखिलेश यादव ने इसे नकारते हुए राज्य में कानून-व्यवस्था के गिरते हालात को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। इस बहस ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नया मोड़ ले लिया है।
योगी आदित्यनाथ का दावा: सुरक्षा और विश्वास में वृद्धि
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को एक वीडियो में दावा किया कि उत्तर प्रदेश में सुरक्षा का माहौल पहले से बेहतर हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि लोगों को अब कानून-व्यवस्था पर भरोसा है, जो राज्य में निवेश के बढ़ने का कारण बन रहा है। योगी ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश को 40 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जो राज्य में बढ़ते विश्वास और सुरक्षा की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है।
मुख्यमंत्री ने यह बयान सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर साझा किया, और उन्होंने राज्य की सुरक्षा स्थिति को पहले से बेहतर होने की बात की। योगी का यह बयान तब आया जब उन्होंने यह संकेत दिया कि उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था को लेकर सकारात्मक बदलाव आ रहे हैं, जो राज्य में एक स्थिर माहौल के निर्माण में मददगार साबित हो रहे हैं।
अखिलेश यादव का तीखा हमला: जंगलराज का आरोप
मुख्यमंत्री योगी के इस बयान के बाद, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर तंज कसते हुए उनकी बातों का विरोध किया। अखिलेश ने कहा, ‘‘जब योगीराज में चारों ओर जंगलराज का माहौल है, तो मुख्यमंत्री योगी किस मुंह से कानून-व्यवस्था बेहतर होने का दावा कर रहे हैं?’’
अखिलेश यादव ने राज्य में हो रही आपराधिक घटनाओं का हवाला देते हुए योगी सरकार को घेरा। उन्होंने विशेष रूप से वाराणसी और चित्रकूट जिलों में हुई आपराधिक घटनाओं का उल्लेख किया और इसे योगी सरकार की “ध्वस्त कानून-व्यवस्था” बताया। अखिलेश ने यह आरोप भी लगाया कि योगी के शासन में पुलिस, भाजपा नेताओं और अपराधियों के बीच मिलीभगत है, और लूटपाट, गुंडई, हत्या और अपहरण जैसी घटनाओं का बोलबाला है।
सपा का ट्वीट और योगी सरकार पर सवाल
अखिलेश यादव ने सपा के सोशल मीडिया अकाउंट से कुछ आपराधिक घटनाओं के ट्वीट किए, जिसमें उन्होंने योगी सरकार को अपराध और अराजकता के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि योगी सरकार में पुलिस और भाजपा नेताओं की मिलीभगत के कारण लूट का माल आपस में बंटता है, और मुख्यमंत्री योगी इस मामले में क्या भूमिका निभा रहे हैं। अखिलेश ने आरोप लगाया कि योगी आदित्यनाथ इस अपराधी गिरोह के ‘सीईओ’ या ‘ट्रेनर’ हो सकते हैं, और उन्हें इस पर जवाब देना चाहिए।
कानून-व्यवस्था पर बढ़ती राजनीतिक बयानबाजी
योगी और अखिलेश के बीच इस बहस ने उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर एक नए विवाद को जन्म दिया है। जहां योगी आदित्यनाथ राज्य में सुरक्षा और विश्वास के माहौल को बढ़ावा देने का दावा कर रहे हैं, वहीं अखिलेश यादव इस स्थिति को नकारते हुए इसे ‘जंगलराज’ करार दे रहे हैं। इस विवाद से स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में कानून-व्यवस्था अब एक अहम मुद्दा बन चुका है, जिसे दोनों प्रमुख दल अपने पक्ष में लेकर जनता के बीच अपनी छवि सुधारने की कोशिश कर रहे हैं।