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सम्भल [TV 47 न्यूज़ नेटवर्क]। सम्भल जिले के एक पुराने शिव मंदिर को लेकर एक बड़ी घटना सामने आई है, जब पुलिस ने उस मंदिर को खोला और उसकी सफाई की।
यह मंदिर 1978 से बंद था और वर्षों से उसकी सही तरीके से देखभाल नहीं हो रही थी। पुलिस अधिकारियों ने मंदिर के घंटों को बजाया, शिवलिंग की सफाई की और हनुमान जी की मूर्ति को भी साफ किया।
इस घटना से स्थानीय निवासियों में खुशी का माहौल है, क्योंकि यह मंदिर लंबे समय से बंद पड़ा हुआ था और अब फिर से इसका पुनरुद्धार हुआ है।
1978 से बंद था मंदिर
स्थानीय निवासियों के अनुसार, यह शिव मंदिर 1978 के बाद से बंद पड़ा हुआ था। हिंदू परिवारों के पलायन और क्षेत्र में जनसंख्या की घटती संख्या के कारण इस मंदिर की देखभाल ठीक से नहीं हो पाई थी। इस मंदिर में पहले करीब 20-25 परिवार रहते थे, लेकिन समय के साथ वे सभी परिवार यहां से पलायन कर गए। इसके बाद से मंदिर का ध्यान रखने वाला कोई नहीं था, और वह बंद हो गया था।
पुलिस ने की सफाई और पुनरुद्धार
पुलिस अधिकारियों ने मंदिर का दरवाजा खोला और वहां की सफाई शुरू की। पुलिस के जवानों ने शिवलिंग की सफाई की और हनुमान जी की मूर्ति को भी अच्छी तरह से साफ किया। इसके अलावा, मंदिर परिसर की सफाई की गई, ताकि यह फिर से पूजा-अर्चना के लिए तैयार हो सके। पुलिस की यह कार्रवाई इलाके के लिए एक ऐतिहासिक कदम मानी जा रही है, क्योंकि लंबे समय से यह मंदिर बंद पड़ा था और अब इसे फिर से जनता के लिए खोला गया है।
स्थानीय निवासी का बयान
एक स्थानीय निवासी ने बताया कि यह मंदिर पहले बहुत महत्वपूर्ण था और यहां धार्मिक कार्यों का आयोजन किया जाता था। उन्होंने कहा, “यह मंदिर 1978 के बाद से बंद पड़ा हुआ था। हिंदू परिवारों के पलायन के बाद मंदिर की देखभाल नहीं हो पाई थी। अब पुलिस के इस कदम से इस मंदिर को फिर से जीवन मिल जाएगा और क्षेत्र के लोग यहां आकर पूजा कर सकेंगे।”
मंदिर का ऐतिहासिक महत्व
यह मंदिर संभल जिले का एक ऐतिहासिक स्थल है और इसकी स्थापना कई साल पहले हुई थी। हालांकि, हिंदू परिवारों के पलायन और समय की कठोर परिस्थितियों के कारण इसे बंद कर दिया गया था। अब, पुलिस ने इस मंदिर को फिर से खोला है, जिससे स्थानीय लोगों को धार्मिक स्थल की बहाली का मौका मिल रहा है।
पुलिस की कार्रवाई का स्वागत
इस घटना को लेकर पुलिस की व्यापक सराहना की जा रही है। यह कदम न केवल एक मंदिर के पुनरुद्धार के रूप में देखा जा रहा है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि पुलिस प्रशासन अब स्थानीय संस्कृति और धार्मिक स्थलों के संरक्षण में भी सक्रिय भूमिका निभा रहा है। पुलिस अधिकारियों का मानना है कि इस कदम से क्षेत्र में एकता और शांति को बढ़ावा मिलेगा, और लोग फिर से इस धार्मिक स्थल का लाभ उठा सकेंगे।
आने वाले समय में मंदिर का पुनर्निर्माण
सम्भल पुलिस का यह कदम आने वाले समय में इस मंदिर के पुनर्निर्माण की ओर एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। पुलिस के प्रयासों से अब स्थानीय लोग इस मंदिर का पूरा लाभ उठा सकेंगे। उम्मीद जताई जा रही है कि समय के साथ इस मंदिर को एक प्रमुख धार्मिक स्थल के रूप में फिर से स्थापित किया जाएगा, जहां पूजा-अर्चना और धार्मिक आयोजन नियमित रूप से किए जा सकेंगे।