
फोर्स के साथ फ्लैग मार्च
संभल [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। संभल में हुई हिंसा के मद्देनजर प्रशासन ने जुमे की नमाज के लिए विशेष सुरक्षा इंतजाम किए हैं। डीआईजी रेंज और एसपी ने गुरुवार रात को पुलिस बल के साथ फ्लैग मार्च किया। इसके साथ ही संवेदनशील इलाकों में ड्रोन के माध्यम से निगरानी की जा रही है। धर्मगुरुओं से अपील की गई है कि लोग अपनी स्थानीय मस्जिद में ही नमाज पढ़ें।
फ्लैग मार्च और तीन-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था
जुमे की नमाज के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस-प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है। डीआईजी मुनिराज जी ने बताया कि:
तीन-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था:
- संवेदनशील इलाकों में पुलिस बल तैनात।
- हर व्यक्ति की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरों का इस्तेमाल।
- प्रमुख स्थानों पर पुलिस बैरिकेडिंग और चेकिंग प्वाइंट्स।
ड्रोन निगरानी:
- ड्रोन कैमरों से संवेदनशील क्षेत्रों पर नजर।
- भीड़ नियंत्रण और किसी भी संभावित गतिविधि की रोकथाम।
फ्लैग मार्च:
- पुलिस बल ने फ्लैग मार्च कर लोगों को सुरक्षा का भरोसा दिलाया।
- शांति बनाए रखने की अपील।
धर्मगुरुओं और स्थानीय समितियों की भूमिका
प्रशासन ने जुमे की नमाज शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए 30 समितियों और मस्जिदों के प्रमुखों के साथ बैठक की। इसमें धर्मगुरुओं ने लोगों से अपील की:
- नमाज के लिए कम संख्या में मस्जिदों में आएं।
- शांति और संयम बनाए रखें।
- हिंसा के किसी भी प्रयास में शामिल न हों।
संभल हिंसा: पिछली घटनाओं पर प्रशासन का रुख
पिछले जुमे की नमाज के दौरान, जामा मस्जिद के सर्वे का विरोध करते हुए कुछ उपद्रवियों ने पुलिस और सर्वे टीम पर हमला कर दिया था। परिणामस्वरूप कई लोग घायल हुए और कुछ की मृत्यु भी हुई। हिंसा में शामिल उपद्रवियों को चिह्नित कर उनके पोस्टर जारी किए गए। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर गिरफ्तारी की कार्रवाई तेज की गई।
प्रशासन की अपील:
- शांतिपूर्ण ढंग से नमाज अदा करें।
- कानून व्यवस्था में सहयोग करें।
- भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा बनाए रखने में प्रशासन का साथ दें।
- पिछले शुक्रवार को सिर्फ 700-800 लोगों ने नमाज अदा की।
- इस बार भी इसी तरह कम संख्या में मस्जिद जाने की योजना है।
- सुरक्षा की रणनीति और उपाय
- संभल हिंसा के बाद प्रशासन ने निम्नलिखित सुरक्षा उपाय अपनाए हैं:
सीसीटीवी और ड्रोन निगरानी:
- हर गतिविधि पर नजर।
- हिंसा फैलाने की कोशिशों को रोकने के लिए तुरंत कार्रवाई।
- हर संवेदनशील स्थान पर सुरक्षा कर्मी तैनात।
- वाहनों और संदिग्ध लोगों की जांच।
धर्मगुरुओं के साथ संवाद:
- सामाजिक समरसता बनाए रखने के लिए धर्मगुरुओं की सक्रिय भूमिका।
पोस्टर और इनाम की घोषणा:
- हिंसा में शामिल उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई।
- जानकारी देने वालों को इनाम की घोषणा।