
BKU प्रमुख राकेश टिकैत की गिरफ्तार
लखनऊ [TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। हाल ही में टप्पल थाना पुलिस ने भारतीय किसान यूनियन (BKU) के प्रमुख राकेश टिकैत को गिरफ्तार किया, जिससे किसानों में गुस्से की लहर दौड़ गई। पुलिस ने उनकी कार को रोका, उन्हें बाहर निकाला और थाने ले गई। इस दौरान, पुलिस और टिकैत समर्थकों के बीच तीखी बहस हुई। किसानों ने विरोध स्वरूप हाईवे पर जाम लगा दिया और गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए सरकार के खिलाफ आक्रोश जताया।
महापंचायत का आयोजन
राकेश टिकैत की गिरफ्तारी के विरोध में किसानों ने आज ग्रेटर नोएडा स्थित जीरो पॉइंट पर महापंचायत का आयोजन किया। इस महापंचायत में देशभर से हजारों किसान शामिल हुए। नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण से किसान अपने ट्रैक्टर-ट्रॉली में भरकर पहुंचे। किसान नेताओं ने यह महापंचायत प्रेरणा स्थल पर किसानों की गिरफ्तारी के विरोध में बुलाई थी।
किसानों का आक्रोश और सरकार के खिलाफ नाराजगी
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध और अनुचित बताया। उन्होंने इसे किसानों के अधिकारों का खुला उल्लंघन करार दिया। टिकैत ने गिरफ्तारी को एक गंभीर मुद्दा बताया, जिससे किसानों का गुस्सा और बढ़ गया। उन्होंने किसानों से एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन को तेज करने का आह्वान किया।
पुलिस की प्रतिक्रिया और सुरक्षा व्यवस्था
पुलिस ने राकेश टिकैत को गौतमबुद्ध नगर में आज होने वाली किसान महापंचायत में जाने से रोकने के आदेश दिए थे। टप्पल थाना में उनके साथ अलीगढ़ के DM-SP और SSP भी मौजूद रहे। थाने के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं, ताकि किसी भी संभावित स्थिति को नियंत्रित किया जा सके।
किसान आंदोलन और दिल्ली कूच
किसानों ने 2 दिन पहले दिल्ली कूच का प्रयास किया था, लेकिन नोएडा पुलिस ने उन्हें प्रेरणा स्थल पर ही रोक लिया। वहां उन्होंने सरकार को 7 दिन का अल्टीमेटम दिया कि उनकी मांगें मानी जाएं। लेकिन जब पुलिस ने उन्हें हटाने का प्रयास किया, तो करीब 150 किसान गिरफ्तार कर दिए गए।
किसानों के नेताओं ने विरोध प्रदर्शन को तेज करते हुए 6 दिसंबर को दिल्ली कूच का ऐलान किया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने इस दिन दिल्ली में जुटने की योजना बनाई है, जिससे पुलिस को चुनौती मिल सकती है।
किसानों की मुख्य मांगें
किसान एक बार फिर अपनी मांगों को मनवाने के लिए एकजुट हो गए हैं। उनकी मुख्य मांगें सरकार से संबंधित हैं, जिसमें MSP (Minimum Support Price) को कानूनी दर्जा देने की मांग प्रमुख है। किसानों का कहना है कि सरकार को उनकी समस्याओं को गंभीरता से लेना चाहिए और जल्द समाधान करना चाहिए।
भारतीय किसान परिषद का सहयोग
भारतीय किसान परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखवीर खलीफा ने किसानों का सहयोग करने का ऐलान किया है। उनका कहना है कि किसानों के आंदोलन को समर्थन देने के लिए वे हर संभव प्रयास करेंगे।