
नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर किसानों का प्रदर्शन
नोएडा [TV 47 न्यूज नेटवर्क ] । 3 दिसंबर 2024 को नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर किसानों ने अधिकारियों से बातचीत के बाद एक सप्ताह का अल्टिमेटम दिया। संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने साफ कर दिया है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तो 9 दिसंबर को वे दिल्ली की ओर कूच करेंगे। यह प्रदर्शन किसानों द्वारा किए गए भूमि अधिग्रहण और मुआवजे से संबंधित मुद्दों को लेकर था।
किसानों ने दिया सात दिन का अल्टिमेटम
इस प्रदर्शन का आयोजन किसानों ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ हुई बैठक के बाद किया। अधिकारियों के साथ बातचीत में किसानों ने अपनी प्रमुख मांगों को रखा और सात दिन का समय दिया। इसके बाद नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे से बैरिकेडिंग हटा दी गई, जिससे आवाजाही बहाल हो गई।
प्रदर्शन और जाम की स्थिति
प्रदर्शन के दौरान करीब चार घंटे तक एक्सप्रेसवे की एक लेन बंद रही, जिससे दिल्ली-नोएडा सीमा पर जाम की स्थिति पैदा हो गई। पुलिस और प्रशासन ने किसानों को रोकने के लिए चिल्ला बॉर्डर पर बैरिकेडिंग की थी, लेकिन किसान इन्हें तोड़कर आगे बढ़ गए। इसके बावजूद, पुलिस ने वज्र वाहन और आरएएफ के जवानों को तैनात किया और ड्रोन से निगरानी की। इस घटना के कारण नोएडा एक्सप्रेसवे पर पांच किलोमीटर लंबा जाम लग गया।
किसानों की प्रमुख मांगें
किसानों ने अपनी प्रमुख मांगों में निम्नलिखित बिंदुओं को शामिल किया है:
- भूमि अधिग्रहण के बदले 10% प्लॉट: किसानों का कहना है कि उन्हें उनके भूमि अधिग्रहण के बदले में उचित हिस्सेदारी दी जाए।
- 64.7% मुआवजा दर: मुआवजे की दर को बढ़ाकर 64.7% करने की मांग की गई।
- नए भूमि अधिग्रहण कानून के तहत 4 गुना बाजार दर का मुआवजा: किसानों ने कहा कि उन्हें नए भूमि अधिग्रहण कानून के अनुसार चार गुना बाजार दर का मुआवजा दिया जाए।
- रोजगार और पुनर्वास के लाभ: भूमिधर और भूमिहीन किसानों के बच्चों को रोजगार और पुनर्वास के सभी लाभ दिए जाएं।
पुलिस और किसानों के बीच नोकझोंक
प्रदर्शन के दौरान किसानों को पुलिस ने दलित प्रेरणा स्थल पर रोका। यहां पर किसानों और पुलिस के बीच हल्की नोकझोंक हुई। किसानों ने पुलिस बैरिकेडिंग को तोड़ने की कोशिश की, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई। किसान नेताओं ने बताया कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे 9 दिसंबर को दिल्ली की ओर कूच करेंगे और संसद का घेराव करेंगे।
किसानों के नेता की प्रतिक्रिया
भारतीय किसान परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखवीर खलीफा ने कहा कि किसान पिछले 30 वर्षों से पीड़ित हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर सरकार ने सात दिन में उनकी मांगों को पूरा नहीं किया, तो किसान सड़क पर उतरकर अपनी आवाज उठाएंगे।
पुलिस और प्रशासन की तैयारी
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए कई स्थानों पर बैरिकेडिंग की और अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया। क्रेन और कंटेनर को भी लगाकर किसानों को रोकने की कोशिश की गई, लेकिन वे अपने प्रयास में सफल रहे।