
संभल हिंसा पर फाइल फोटो।
संभल [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। उत्तर प्रदेश के संभल जिले में हुई हिंसा और उसके बाद हुई जानमाल की हानि ने राज्य की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। चार युवकों की मौत के बाद से समाजवादी पार्टी (सपा) लगातार भाजपा सरकार और स्थानीय प्रशासन पर हमलावर है। इस बीच, सपा के शीर्ष नेतृत्व ने हालात का जायजा लेने के लिए पीड़ित परिवारों से मिलने का निर्णय लिया था, लेकिन प्रशासन ने नेताओं को संभल जाने से रोकने के लिए सुरक्षा कारणों का हवाला दिया।
सपा नेताओं का संभल जाने का निर्णय और प्रशासन की प्रतिक्रिया
संभल में हालात के बिगड़ने के डर से सपा नेता अखिलेश यादव के निर्देश पर एक प्रतिनिधिमंडल ने पीड़ित परिवारों से मिलने का इरादा किया। प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे कर रहे थे, जिसमें 15 सदस्य शामिल थे। हालांकि, जब ये नेता संभल जाने की तैयारी में थे, तब प्रशासन ने उनके घरों पर पुलिस बल तैनात कर दिया।
संभल के जिलाधिकारी (DM) ने सुरक्षा की दृष्टि से सपा नेताओं से आग्रह किया कि वे घटनास्थल पर न जाएं। डीएम ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी और सपा नेताओं को जिले में प्रवेश करने से मना किया।
सपा नेताओं के घरों पर पुलिस तैनाती
सपा नेता माता प्रसाद पांडे के लखनऊ स्थित निवास के बाहर भी पुलिस बल तैनात किया गया है। वहीं, अखिलेश यादव ने स्वयं संभल जाने का ऐलान किया था, लेकिन पुलिस की ओर से सुरक्षा के कारण यात्रा रद्द कर दी गई। इसके अलावा, सपा के अन्य नेताओं को भी प्रशासन द्वारा उनके गृह जनपदों में ही रोके जाने का प्रयास किया गया है।
सपा नेताओं को इस कार्रवाई से गहरी नाराजगी है और उन्होंने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन करार दिया है। उनका कहना है कि सरकार पीड़ितों के साथ खड़े होने की बजाय, उनके प्रतिनिधियों को डराने-धमकाने का प्रयास कर रही है।
हंगामे की आशंका
सपा नेताओं का कहना है कि प्रशासन का यह कदम राजनीतिक दबाव का नतीजा हो सकता है। यदि सपा नेता अपने दौरे पर संभल पहुंचते हैं, तो इससे स्थानीय प्रशासन और सरकार के खिलाफ बड़ा विरोध प्रदर्शन हो सकता है। हंगामे की संभावना को देखते हुए पुलिस और प्रशासन अलर्ट मोड पर हैं। यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि अगर सपा नेता संभल में गए, तो यह विधानसभा चुनावों से पहले राज्य में राजनीतिक उथल-पुथल का कारण बन सकता है।
सपा की प्रतिक्रिया
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने प्रशासन की कार्रवाई को तानाशाही करार देते हुए कहा कि सरकार विपक्षी नेताओं को डराकर अपनी नाकामी छिपाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी हमेशा पीड़ितों के साथ खड़ी रहेगी और किसी भी प्रशासनिक दवाब के बावजूद पीड़ित परिवारों से मिलने का अवसर नहीं छोड़ेंगे।
सपा ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार और प्रशासन सत्ता के दुरुपयोग में लगे हुए हैं। यह आरोप भी लगाया गया कि सरकार विपक्ष को हर कदम पर विरोध करने से रोकने की कोशिश कर रही है, ताकि आगामी चुनावों में पार्टी को कोई फायदा न मिले।
संभल हिंसा को लेकर राज्य की राजनीति गरमा गई है। सपा नेताओं द्वारा पीड़ितों से मिलने का प्रयास प्रशासन के लिए चिंता का कारण बन गया है और प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से सपा नेताओं को रोकने की कोशिश की है। आने वाले दिनों में यह मामला और अधिक गर्मा सकता है, और इससे राज्य की राजनीति में एक नया मोड़ आ सकता है।