
मोदी सरकार ने रद किए 6 करोड़ राशन कार्ड
नई दिल्ली,[TV 47 न्यूज़ नेटवर्क]। मोदी सरकार ने राशन कार्ड के डिजिटलीकरण के बाद सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) में एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने आधार और ईकेवाईसी प्रणाली के माध्यम से सत्यापन करने के बाद लगभग 6 करोड़ राशन कार्ड को रद्द कर दिया है। इन राशन कार्डों में से लगभग 5.80 करोड़ फर्जी पाए गए थे, जिन्हें अब सिस्टम से हटा दिया गया है।
राशन कार्ड का डिजिटलीकरण और सत्यापन प्रक्रिया
राशन कार्ड के डिजिटलीकरण के इस कदम के साथ, सरकार ने देशभर में सार्वजनिक वितरण प्रणाली को पारदर्शी और प्रभावी बनाने की कोशिश की है। आधार और ईकेवाईसी सत्यापन प्रणाली का उपयोग कर, सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि जो भी व्यक्ति राशन का लाभ उठा रहे हैं, वे सही पात्र हों।
सत्यापन प्रक्रिया के दौरान, कई राशन कार्डों में गड़बड़ियां पाई गईं, और यह साबित हुआ कि कई राशन कार्ड फर्जी थे या उनसे जुड़े हुए व्यक्ति वास्तविक लाभार्थी नहीं थे। इसके बाद, इन्हें पूरी तरह से रद्द कर दिया गया है।
फर्जी राशन कार्ड पर कार्रवाई
सरकार का कहना है कि राशन कार्ड के डिजिटलीकरण से पंजीकरण प्रक्रिया और वितरण प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ी है। फर्जी राशन कार्डों के खिलाफ कार्रवाई कर, सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि वास्तविक लाभार्थियों को ही सरकार की ओर से दिया जाने वाला अनाज और अन्य सुविधाएं मिलें। इस कदम से सरकार को खाद्य सामग्री के वितरण में बेहतर नियंत्रण और निगरानी रखने में मदद मिलेगी।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सुधार
राशन कार्डों के रद्द होने से सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है। यह कदम भारत के खाद्य वितरण तंत्र को और अधिक पारदर्शी और उचित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसके जरिए सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि सिर्फ असली और पात्र लोग ही राशन का लाभ उठा सकें और किसी तरह के फर्जी या डुप्लीकेट राशन कार्ड सिस्टम में न हो।