
कार्तिक पूर्णिमा की फाइल फोटो।
प्रयागराज [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। कार्तिक पूर्णिमा हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है। इसे पवित्र स्नान, दान-पुण्य और धार्मिक अनुष्ठानों का दिन माना जाता है। इस दिन विशेष तौर पर गंगा, यमुना या किसी पवित्र नदी में स्नान किया जाता है। इस दिन सनातनी भगवान शिव और विष्णु की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन की गई पूजा और व्रत का विशेष फल मिलता है, लेकिन इस अवसर पर कुछ ऐसी चीजें भी हैं जिन्हें नहीं करना चाहिए।
कार्तिक पूर्णिमा में क्या नहीं करना चाहिए ?
- नकारात्मक विचारों और क्रोध से बचें
कार्तिक पूर्णिमा को एक शुभ दिन माना जाता है, इसलिए इस दिन नकारात्मक विचारों, क्रोध और द्वेष जैसी भावनाओं से बचना चाहिए। इसे एक शांतिपूर्ण और आध्यात्मिक पर्व के रूप में मनाना चाहिए ताकि मन शुद्ध और शांत रहे। - मांसाहार और मदिरा का सेवन न करें
कार्तिक पूर्णिमा का दिन सात्विकता और पवित्रता का होता है। इस दिन मांसाहार और मदिरा का सेवन पूरी तरह वर्जित माना गया है। यह दिन संयम का प्रतीक है, इसलिए सात्विक भोजन करें और संयमित जीवन अपनाएं। - गंदे या अनैतिक कर्मों से बचें
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन किसी भी प्रकार के गंदे या अनैतिक कर्म नहीं करने चाहिए। साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें और आसपास के वातावरण को भी पवित्र रखें। इससे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। - पैसे का गलत उपयोग न करें
कार्तिक पूर्णिमा के दिन धन का अपव्यय करने से बचना चाहिए। अनावश्यक चीजों पर खर्च करने की बजाय, इस दिन दान और पुण्य कार्यों में अपनी राशि का सही उपयोग करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इससे कई गुना पुण्य मिलता है। - गलत आचरण और असत्य से बचें
इस दिन झूठ बोलने, छल-कपट करने या किसी भी प्रकार के असत्य कार्यों में शामिल होने से बचना चाहिए। कार्तिक पूर्णिमा सत्य और धर्म का पर्व है, इसलिए अपने आचरण में शुद्धता रखें और सत्य का पालन करें।