
कुख्यात तस्कर वीरप्पन की बेटी विद्या वीरप्पन
Vidya Veerappan Story। कुख्यात चंदन तस्कर वीरप्पन की छोटी बेटी विद्या वीरप्पन का जीवन संघर्ष और सेवा का एक प्रेरणादायक उदाहरण है। जब वीरप्पन मुठभेड़ में मारा गया तब विद्या और उनकी बहन अनाथ हो गई थीं। ऐसे समय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वनवासी कल्याण आश्रम ने उन्हें गोद लिया और उनकी पढ़ाई-लिखाई में सहारा दिया। आज विद्या वीरप्पन एक सफल वकील और समाजसेविका के रूप में स्थापित हो चुकी हैं।
विद्या वीरप्पन का आरंभिक जीवन और आरएसएस से जुड़ाव
वीरप्पन के निधन के बाद विद्या वीरप्पन का जीवन अनिश्चितता से भरा हुआ था। इस कठिन परिस्थिति में आरएसएस के वनवासी कल्याण आश्रम ने विद्या को सहारा दिया। उन्हें बेहतर शिक्षा और जीवन में आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया। आरएसएस के संरक्षण में विद्या ने अपनी पढ़ाई पूरी की और एक मजबूत महिला के रूप में उभरीं।
समाज के प्रति विद्या वीरप्पन का योगदान
आज विद्या वीरप्पन न केवल एक वकील हैं, बल्कि तमिलनाडु भाजपा के महिला मोर्चा (मगस मोर्चा) की उपाध्यक्ष भी हैं। इसके साथ ही, वह अनाथ बच्चों के लिए एक स्कूल भी चलाती हैं। विद्या का यह कदम समाज के प्रति उनके समर्पण और कर्तव्य का प्रतीक है। उन्होंने अपने कठिन अतीत को प्रेरणा का स्रोत बनाकर समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाने का संकल्प लिया।
कैसे आरएसएस के प्रयासों और समर्थन से वे जीवन में सफल
विद्या वीरप्पन का जीवन एक सुंदर उदाहरण है कि कैसे आरएसएस के प्रयासों और समर्थन से वे जीवन में सफल हो पाईं। उन्होंने न केवल अपने अतीत से उभरकर अपना मुकाम बनाया, बल्कि दूसरों के लिए भी एक आदर्श प्रस्तुत किया। अनाथ बच्चों के लिए स्कूल चलाने का उनका प्रयास यह दर्शाता है कि वे अपने जैसे अन्य बच्चों के जीवन में भी बदलाव लाना चाहती हैं।
विद्या वीरप्पन से मिलने वाली प्रेरणा
विद्या वीरप्पन की कहानी यह साबित करती है कि किस तरह से समाज की मदद से एक अनाथ बच्ची भी अपने जीवन को सार्थक बना सकती है। उनकी सफलता इस बात का प्रमाण है कि कठिन परिस्थितियों में भी यदि किसी को सही मार्गदर्शन और समर्थन मिले, तो वे न केवल अपने जीवन में सफल हो सकते हैं बल्कि समाज में एक सकारात्मक योगदान भी दे सकते हैं।
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