
भाजपा और सपा को कैसे मिलेगा नुक़सान?
लखनऊ [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में बसपा के मैदान में आने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। पहले जहां सीधी टक्कर भाजपा और समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच दिखाई दे रही थी, वहीं बसपा की रणनीति ने इसे कई सीटों पर कांटे की टक्कर बना दिया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यूपी उपचुनाव में बसपा की एंट्री ने भाजपा और सपा के बीच सीधी लड़ाई को त्रिकोणीय बना दिया है। बसपा की यह रणनीति विभिन्न सीटों पर भाजपा और सपा दोनों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन सी पार्टी इस त्रिकोणीय मुकाबले में विजयी होती है और बसपा की उपस्थिति का प्रभाव कितना निर्णायक साबित होता है।
बसपा की एंट्री से कैसे बना त्रिकोणीय मुकाबला
बसपा ने नौ सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारकर बीजेपी और सपा को चुनौती दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि बसपा के मुकाबले में उतरने से सपा और भजपा दोनों पार्टियों को अलग-अलग सीटों पर कड़ी चुनौती मिल सकती है।
प्रमुख सीटों पर बसपा का असर
- फूलपुर सीट: 2022 के चुनाव में भाजपा ने सपा को 2700 वोटों से हराया था, जबकि बसपा को 33,000 से अधिक वोट मिले थे। इस बार भी बसपा के उम्मीदवार जितेन्द्र सिंह मैदान में हैं, जिससे भाजपा और सपा दोनों के लिए चुनौती बनी हुई है।
- मंझवा सीट: 2022 में बसपा को इस सीट पर 52,000 से अधिक वोट मिले थे। इस बार बसपा ने यहां ब्राह्मण उम्मीदवार को उतारा है, जिससे निषाद पार्टी की पुरानी सीट पर मुकाबला और दिलचस्प हो गया है।
- कटेहरी सीट: सपा ने 2022 में निषाद पार्टी के उम्मीदवार को 8,000 वोटों से हराया था। बसपा के उम्मीदवार अमित वर्मा के मैदान में होने से सपा को चुनौती मिल सकती है।
गाज़ियाबाद में त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति
गाज़ियाबाद सीट पर बसपा ने परमानंद गर्ग को प्रत्याशी बनाया है, जबकि सपा ने यहां एक जाटव उम्मीदवार को उतारा है। बसपा की मौजूदगी इस क्षेत्र में भजपा के लिए चिंता का कारण बन सकती है, खासकर जातिगत समीकरणों को देखते हुए।
भाजपा और सपा को कैसे मिलेगा नुक़सान?
- भाजपा को नुकसान: गाज़ियाबाद और मंझवा जैसी सीटों पर बसपा भाजपा के लिए कठिनाई खड़ी कर सकती है। यहां पर जातीय समीकरणों का प्रभाव अधिक होने के कारण बसपा का प्रदर्शन भाजपा के वोट शेयर पर असर डाल सकता है।
- सपा को नुकसान: कटेहरी, मीरापुर और कुंदरकी सीटों पर बसपा का मुकाबले में उतरना सपा के लिए चुनौती बन सकता है। इन सीटों पर बसपा का जनाधार सपा के वोटों में सेंध लगा सकता है।
क्या बसपा का असर परिणामों पर पड़ सकता है?
बसपा की उपस्थिति ने यूपी उपचुनावों को त्रिकोणीय बना दिया है। अब मुकाबला और भी दिलचस्प हो गया है, और चुनाव परिणाम में बसपा की भूमिका महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। बसपा की रणनीति से जहां बीजेपी और सपा दोनों को लाभ-हानि हो सकती है, वहीं इस त्रिकोणीय मुकाबले के नतीजे भी अप्रत्याशित हो सकते हैं।
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