
मायावती पर मदरसा पर स्टैंड।
लखनऊ,[ TV 47 न्यूज़ नेटवर्क]। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने मंगलवार को उच्चतम न्यायालय द्वारा उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम-2004 की वैधता को बरकरार रखने के फैसले का स्वागत किया। इस फैसले को महत्वपूर्ण मानते हुए मायावती ने कहा कि इससे प्रदेश के मदरसों में शिक्षा देने के कार्य में स्थायित्व आएगा और इससे जुड़ी अनिश्चितताएं समाप्त होंगी।
उच्चतम न्यायालय का महत्वपूर्ण फैसला
उच्चतम न्यायालय ने 2004 के ‘उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम’ को वैध और संवैधानिक करार देते हुए कहा कि यह धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत का उल्लंघन नहीं करता। न्यायालय ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश को खारिज कर दिया जिसमें मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम को असंवैधानिक करार दिया गया था और राज्य सरकार को विद्यार्थियों को अन्य विद्यालयों में भर्ती करने का निर्देश दिया गया था। इस फैसले के बाद प्रदेश के मदरसों में शिक्षा का संचालन अब सुचारू रूप से जारी रहेगा।
मायावती का बयान
बसपा प्रमुख मायावती ने इस फैसले को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर साझा करते हुए कहा, “उच्चतम न्यायालय द्वारा आज उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड कानून-2004 को वैध व संवैधानिक करार दिए जाने के फैसले का स्वागत है। इस फैसले से राज्य में मदरसा शिक्षा से जुड़े विवाद और अनिश्चितता समाप्त होगी, लेकिन इस कानून को सही तरीके से लागू करना बेहद जरूरी है।”
मदरसा शिक्षा पर स्थायित्व की उम्मीद
मायावती ने इस फैसले को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि अब उत्तर प्रदेश के मदरसों को मान्यता मिलने के बाद उनके संचालन में स्थायित्व आएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि अब मदरसों की शिक्षा प्रणाली में और सुधार होगा और प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में यह एक सकारात्मक कदम साबित होगा।
निजी संपत्ति पर उच्चतम न्यायालय का फैसला
मायावती ने एक अन्य पोस्ट में उच्चतम न्यायालय के निजी संपत्ति के संबंध में आए फैसले का भी स्वागत किया। अदालत ने 7:2 के बहुमत से कहा कि सरकारें “आम भलाई” के लिए निजी संपत्ति को अपने कब्जे में लेने का अधिकार नहीं रखतीं। हालांकि, अदालत ने यह भी कहा कि कुछ विशेष मामलों में सरकारें निजी संपत्तियों पर दावा कर सकती हैं। मायावती ने इसे संविधान और निजी संपत्ति के अधिकारों के लिए एक अहम फैसला बताया।