
दुधवा राष्ट्रीय उद्यान फाइल फोटो।
लखीमपुर खीरी [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। उत्तर प्रदेश के दुधवा राष्ट्रीय उद्यान (डीएनपी) में दो दुर्लभ सांप प्रजातियों की खोज ने इसकी पारिस्थितिकी समृद्धि को और बढ़ा दिया है। हाल ही में जीवविज्ञानी विपिन कपूर सैनी और अपूर्व गुप्ता ने पेंटेड कीलबैक (ज़ेनोक्रोफिस सेरासोगास्टर) और भूरा बेल सांप (अहेटुल्ला प्रसीना) जैसी दुर्लभ प्रजातियों को इस क्षेत्र में पाया। यह खोज पर्यावरणीय दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है और यह दर्शाती है कि दुधवा जैव विविधता के लिए एक महत्वपूर्ण हॉटस्पॉट बनता जा रहा है।
पेंटेड कीलबैक: 117 वर्षों बाद दिखा यह दुर्लभ सांप
दुधवा में पेंटेड कीलबैक प्रजाति का सांप देखने का अवसर जीवविज्ञानी विपिन कपूर सैनी को मिला, जिन्होंने इसे नकौवा नाले के पास पाया। यह सांप उत्तर प्रदेश में 117 वर्षों के बाद देखा गया है। अंतिम बार 1907 में इसे फैजाबाद में देखा गया था। इस सांप को जंगली हाथियों द्वारा कुचले जाने के कारण मृत पाया गया, परंतु इसकी खोज दुधवा की जैव विविधता के रिकॉर्ड के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
भूरा बेल सांप: पहली बार हुआ दस्तावेज़ीकरण
इसके अलावा, भूरा बेल सांप जिसे हल्का विषैला माना जाता है, पहली बार दुधवा में सोनारीपुर रेंज के बांके ताल के पास देखा गया। सैनी ने इस सांप की तस्वीरें लीं और विशेषज्ञ रोहित रवि के साथ परामर्श कर इसकी पहचान की पुष्टि की। यह सांप बहुत पतला और भूरा होता है, जो झाड़ियों में आसानी से छिप सकता है। यह सांप अपने प्राकृतिक आवास में मिला, जो इस क्षेत्र की पारिस्थितिकी का हिस्सा है।
दुधवा: जैव विविधता का हॉटस्पॉट
दुधवा बाघ अभयारण्य (डीटीआर) के क्षेत्र निदेशक ललित कुमार वर्मा का कहना है कि दुधवा में बार-बार नए वन्यजीवों की खोज से यह क्षेत्र जैव विविधता का हॉटस्पॉट साबित हो रहा है। यहां की पारिस्थितिकी में विभिन्न प्रजातियों के संरक्षण का विशेष महत्व है। यह खोज न केवल जैव विविधता को समृद्ध करती है, बल्कि वन्यजीव संरक्षण के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है।
पर्यावरण संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण कदम
दुधवा राष्ट्रीय उद्यान में दुर्लभ प्रजातियों की खोज ने इसे वन्यजीवों के लिए एक सुरक्षित आश्रय स्थल साबित किया है। यहां की जैव विविधता से यह स्पष्ट होता है कि भारत के वन्य क्षेत्र न केवल वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं बल्कि हमारी प्रकृति और पर्यावरण को संतुलित बनाए रखने में भी सहायक हैं।