
फाइल फोटो।
प्रयागराज [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]।साल 2025 के महाकुम्भ मेले में एक खास आकर्षण चंद्रशेखर आजाद की ऐतिहासिक पिस्तौल ‘बमतुल बुखारा’ होगी। यह पिस्तौल उस समय का प्रतीक है] जब भारत के वीर सपूतों ने स्वतंत्रता के लिए जान की बाजी लगा दी थी। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय और इलाहाबाद संग्रहालय इस महाकुम्भ के दौरान स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े ऐसे कई ऐतिहासिक प्रदर्शनों का आयोजन करेंगे, जिसमें आजाद की यह पिस्तौल और अन्य दुर्लभ हथियार प्रदर्शित होंगे।
बमतुल बुखारा की अनूठी विशेषता
इस पिस्तौल की खासियत यह थी कि इससे गोली चलने पर कोई धुआं नहीं निकलता था। अंग्रेजों के लिए यह पहचानना मुश्किल होता था कि हमला कहां से हो रहा है, जो आजाद की रणनीतिक बुद्धिमत्ता को दर्शाता है। यह पिस्तौल कोल्ट कंपनी द्वारा बनाई गई थी और चंद्रशेखर आजाद के लिए यह उनके अदम्य साहस का प्रतीक थी।
महाकुम्भ में क्रांतिकारियों की गाथा
इस महाकुम्भ में देश और विदेश से लाखों श्रद्धालु आएंगे, जिन्हें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के नायकों की गाथाएं जानने का अवसर मिलेगा। इलाहाबाद संग्रहालय के डिप्टी क्यूरेटर डॉ. राजेश मिश्रा के अनुसार, यह प्रदर्शनी क्रांतिवीरों के जीवन और उनके संघर्ष की अनकही कहानियों को सामने लाएगी। प्रदर्शनी में अन्य ऐतिहासिक हथियारों की प्रतिकृतियां भी शामिल होंगी, जो देश के महान क्रांतिकारियों की साहसिक गाथाओं को पुनर्जीवित करेंगी।
देशभक्ति का संदेश
चंद्रशेखर आजाद की पिस्तौल का प्रदर्शन एक प्रकार से देशभक्ति का संदेश फैलाने का प्रयास है। महाकुम्भ के इस महा आयोजन में देश की स्वतंत्रता के लिए किये गए बलिदानों को जानकर देशवासियों में गर्व की भावना जागेगी। आजाद का नाम और उनका साहसिक संघर्ष आज भी युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है।