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लखनऊ [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने शनिवार को उपचुनाव में अपनी पार्टी की रणनीति को स्पष्ट करते हुए भाजपा और सपा पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियों की नीतियां जनता को गुमराह करने वाली हैं।
मायावती ने विशेष रूप से भाजपा के नारे ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ और सपा के नारे ‘जुड़ेंगे तो जीतेंगे’ पर टिप्पणी करते हुए कहा कि ये नारे मात्र चुनावी हथकंडे हैं, जिनका उद्देश्य मतदाताओं का ध्यान भटकाना है। उन्होंने जनता से आग्रह किया कि वह ऐसे नारों से भ्रमित न हो और बसपा के साथ जुड़कर सुरक्षित और विकास की राह पर आगे बढ़ें।
उपचुनावों में बसपा की मजबूत उपस्थिति
इस बार उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव में बसपा भी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करवा रही है। मायावती ने कहा कि इस बार उनकी पार्टी का मैदान में होना भाजपा और सपा के लिए चिंता का कारण बना हुआ है। उन्होंने कहा कि पिछले चुनावों में बसपा की अनुपस्थिति के चलते भाजपा और सपा गठबंधन बना कर आपस में सीटें बांटते थे, लेकिन इस बार बसपा भी पूरी ताकत से चुनाव लड़ रही है।
भाजपा-सपा की नीतियों को बताया ‘दोगली सोच’
मायावती ने भाजपा और सपा की नीतियों को ‘दोगली सोच’ का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि इन दोनों पार्टियों की राजनीति जनता के लिए नहीं, बल्कि अपने स्वार्थ के लिए है। बसपा प्रमुख ने कहा कि ‘बसपा से जुड़ेंगे तो आगे बढ़ेंगे और सुरक्षित भी रहेंगे।’ उन्होंने अपने शासनकाल का उल्लेख करते हुए कहा कि बसपा सरकार में कानून व्यवस्था बेहतर थी और जनता को सुरक्षित महसूस हुआ था।
मतदाताओं के लिए सावधानी की अपील
मायावती ने मतदाताओं से अपील की कि वे भाजपा और सपा के भ्रामक नारों से बचें। उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियां केवल नारों और पोस्टरबाजी से जनता का ध्यान भटकाना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि वोटों को बांटने और गुमराह करने की यह राजनीति जनता के विकास और सुरक्षा में बाधा डालती है।
उपचुनावों का शेड्यूल और बसपा की तैयारियां
उत्तर प्रदेश के कटेहरी, करहल, मीरापुर, गाजियाबाद, मझवां, सीसामऊ, खैर, फूलपुर और कुंदरकी में 13 नवंबर को उपचुनाव का मतदान होगा और मतगणना 23 नवंबर को की जाएगी। बसपा सभी नौ सीटों पर प्रत्याशी उतार चुकी है और अकेले चुनाव लड़ रही है। मायावती ने कहा कि उनका उद्देश्य जनता की भलाई है और बसपा को जनसमर्थन के बल पर प्रदेश में सत्ता तक पहुंचाना है।