
एनसीआर की हवा में प्रदूषण और पानी में जहर
नोएडा [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। नोएडा और एनसीआर के अन्य हिस्सों में प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के आंकड़े रोज़ नई चिंताओं को जन्म दे रहे हैं। शुक्रवार की सुबह नोएडा का AQI 257 और ग्रेटर नोएडा का 253 दर्ज किया गया, जबकि गाजियाबाद में यह स्तर 273 तक पहुंच गया। इसके अलावा यमुना नदी में जहरीले रसायनों के कारण सफेद झाग का नजारा दिख रहा है, जो गंभीर जल प्रदूषण का संकेत है।
दिवाली के समय वायु प्रदूषण और छठ पूजा के दौरान जल प्रदूषण को नियंत्रित करने के प्रशासनिक दावे हर साल किए जाते हैं। लेकिन वास्तविकता में स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं दिखता है। प्रशासन का कहना है कि इस बार पानी की सफाई के विशेष प्रयास किए गए हैं, लेकिन जमीन पर इसके असर की कमी स्पष्ट दिखाई देती है।
वायु गुणवत्ता में गिरावट का असर
दिवाली के बाद प्रदूषण की स्थिति और बिगड़ने की संभावना जताई जा रही है। दिल्ली-एनसीआर में हर साल दिवाली के दौरान पटाखों के कारण AQI का स्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच जाता है। इसके बावजूद प्रशासन के प्रदूषण-नियंत्रण उपाय पर्याप्त नहीं साबित हो रहे हैं। उच्च वायु प्रदूषण का असर बच्चों, बुजुर्गों और उन लोगों पर ज्यादा पड़ रहा है जिनकी आंखों में जलन, सांस लेने में तकलीफ और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हैं।
छठ पूजा के लिए जल प्रदूषण की समस्या
छठ पूजा में श्रद्धालु घाटों पर सूर्य देव की उपासना के लिए एकत्रित होते हैं। इस वर्ष यमुना नदी के पानी में फैले सफेद झाग ने पूजा की तैयारियों को बाधित किया है। दिल्ली और एनसीआर के क्षेत्रों में सफाई के नाम पर केवल दिखावे की कार्रवाई की जा रही है। जल प्रदूषण के कारण छठ पूजा का आयोजन करने वाले लोगों की श्रद्धा को भी ठेस पहुंच रही है।
प्रदूषण-नियंत्रण के प्रयासों की समीक्षा की आवश्यकता
प्रदूषण को रोकने के लिए प्रशासन के पास तकनीकी संसाधन हैं, लेकिन उनका सही समय पर इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। वायु और जल प्रदूषण की समस्या पर अस्थाई समाधान की बजाय ठोस और प्रभावी उपायों की जरूरत है ताकि नागरिकों की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।