
बहराइच हिंसा की फाइल फोटो।
बहराइच [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के महसी तहसील के महराजगंज कस्बे में 13 अक्तूबर को विसर्जन जुलूस के दौरान हिंसा का बड़ा मामला सामने आया, जिसमें अब्दुल हमीद और उसके बेटों ने जुलूस पर पथराव किया और एक युवक की निर्मम हत्या कर दी। इस घटना के बाद पूरे जिले में तनाव फैल गया। पुलिस ने मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद और उसके साथियों पर एफआईआर दर्ज की और दो प्रमुख आरोपियों की पुलिस मुठभेड़ भी हुई।
हिंसा की शुरुआत और पथराव
13 अक्तूबर को महराजगंज में विसर्जन जुलूस के दौरान गाने को लेकर विवाद हुआ। इसके बाद अब्दुल हमीद और उसके बेटों ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर पथराव किया। इस हमले में दुर्गा प्रतिमा खंडित हो गई, जिससे नाराज पूजा समिति ने प्रदर्शन शुरू कर दिया। पुलिस ने भीड़ पर लाठीचार्ज किया, जिससे भगदड़ मच गई।

रामगोपाल मिश्रा की हत्या
हिंसा के बीच रेहुवा मंसूर गांव के निवासी रामगोपाल मिश्रा की बर्बरता से हत्या कर दी गई। इस घटना ने पूरे जिले को आक्रोशित कर दिया। पुलिस ने घटनास्थल से कई सबूत इकट्ठे किए और जांच शुरू की।
अब्दुल हमीद और उसके बेटों का आपराधिक इतिहास
यह पहली बार नहीं है जब अब्दुल हमीद और उसके बेटों ने इस तरह की हिंसात्मक गतिविधियों में हिस्सा लिया हो। वर्ष 2010 में भी उन पर गोलीबारी और हत्या के प्रयास का मामला दर्ज हुआ था। इसके बावजूद, उन्हें बंदूक का लाइसेंस जारी किया गया था।

मुठभेड़ और गिरफ्तारी
17 अक्तूबर को पुलिस ने हिंसा में शामिल पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया और दो मुख्य आरोपियों के साथ मुठभेड़ भी हुई। मुठभेड़ का एक वीडियो भी सामने आया, जिसमें आरोपी ने अपनी गलती मानी और पुलिस से माफी मांगी। पुलिस ने इन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और मामले की जांच जारी रखी।
डीएम द्वारा शस्त्र लाइसेंस रद्द करने का निर्देश
जिला मजिस्ट्रेट मोनिका रानी ने हमीद और उसके घर के सभी शस्त्र लाइसेंस रद्द करने का आदेश दिया है। इस मामले में तहसीलदार पर भी लापरवाही का आरोप लगा है, और उन्हें कार्य से हटा दिया गया है।