
Suniti Singh Kanpur Dehat Court Ruling
नोएडा,[TV 47 न्यूज़ नेटवर्क]। गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट की उपायुक्त सुनीति सिंह के लिए कानपुर देहात जिला एवं सत्र न्यायालय का हालिया फैसला मुश्किलें बढ़ाने वाला साबित हुआ है। वर्ष 2022 में कानपुर देहात में पुलिस अधीक्षक के पद पर कार्यरत रहते हुए, सुनीति सिंह के अधीन एक व्यक्ति, बलवंत सिंह की पुलिस हिरासत में हुई मौत के मामले में अदालत ने दो पुलिस अधिकारियों को दोषी करार दिया है।
बलवंत सिंह की मौत का मामला
12 दिसंबर 2022 को बलवंत सिंह को एक लूट के मामले में हिरासत में लिया गया था। आरोप है कि हिरासत के दौरान उन्हें इतनी बर्बरता से पीटा गया कि उनकी मौत हो गई। इस घटना के बाद कानपुर देहात में जन आक्रोश फैल गया और नौ पुलिसकर्मियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई। अदालत ने तत्कालीन शिवली थाने के प्रभारी राजेश कुमार सिंह और मैथा चौकी इंचार्ज ज्ञान प्रकाश पांडेय को धारा 304 (2) आईपीसी के तहत दोषी ठहराया, जिसके तहत अधिकतम सजा 10 साल होती है।
सख्त सजा का आदेश
अदालत ने दोनों अधिकारियों को 5-5 साल की कैद और 10-10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। इसके अलावा, बलवंत सिंह के परिवार को दी गई 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता की राशि तत्कालीन एसपी सुनीति सिंह और उनके मातहत अधिकारियों के वेतन से वसूली जाएगी।
वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिका
अदालत में दोषी ठहराए गए अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के निर्देशों का पालन किया। इस मामले की जांच कन्नौज के तत्कालीन एसपी कुंवर अनुपम सिंह के नेतृत्व में की गई, जिसमें सुनीति सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठाए गए।
न्यायिक टिप्पणी
अदालत ने इस मामले में सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि बलवंत सिंह की असमय मौत ने उसकी पत्नी और नाबालिग बच्चों को बेसहारा कर दिया। भले ही मुआवजा कुछ राहत दे सके, लेकिन एक पिता का प्रेम और संरक्षण वापस नहीं मिल सकता।
संभावित परिणाम
इस फैसले का असर सुनीति सिंह के कार्यकाल पर पड़ सकता है। कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए उच्च अधिकारियों की जवाबदेही तय करना आवश्यक है। इस मामले में वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठना उनके करियर के लिए चुनौतियां खड़ी कर सकता है।