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लखनऊ [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। प्रदेश में 9 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच देखने को मिलेगा। कांग्रेस पार्टी ने निर्णय लिया है कि वह इन उपचुनावों में अपने उम्मीदवार नहीं उतारेगी और न ही किसी अन्य पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ेगी। इस बार के उपचुनाव में उत्तर प्रदेश की राजनीतिक तस्वीर दिलचस्प हो गई है। सपा और बीजेपी के बीच कड़ा मुकाबला होने की संभावना है, जबकि कांग्रेस इंडिया गठबंधन के समर्थन में पूरी तरह से जुटी है। आने वाले समय में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि यह गठबंधन क्या परिणाम लाता है।
कांग्रेस ने लिया उपचुनाव में नहीं उतरने का निर्णय
कांग्रेस पार्टी ने उत्तर प्रदेश में हो रहे उपचुनाव में भाग न लेने का फैसला किया है। हालांकि, कांग्रेस के नेता पूरी तरह से गठबंधन के उम्मीदवारों का समर्थन करेंगे ताकि बीजेपी को हराया जा सके। यूपी कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने दिल्ली में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह स्पष्ट किया कि कांग्रेस अपने संगठन के बजाय देश की संविधान और लोकतंत्र की रक्षा को प्राथमिकता दे रही है।
सपा के सभी 9 सीटों पर उम्मीदवार
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने ऐलान किया है कि सपा सभी 9 सीटों पर अपने सिंबल “साइकिल” पर उम्मीदवार उतारेगी। इससे साफ है कि इन उपचुनावों में सपा और भाजपा के बीच सीधी टक्कर होगी।
भाजपा को हराने की रणनीति
कांग्रेस पार्टी ने घोषणा की है कि उसके कार्यकर्ता इंडिया गठबंधन के उम्मीदवारों के समर्थन में मैदान में उतरेंगे। अविनाश पांडेय ने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने संविधान बचाने और भाजपा को हराने का संकल्प लिया है। 2027 के विधानसभा चुनावों में इसका सकारात्मक परिणाम दिखाने की योजना है।
कांग्रेस की संविधान बचाओ संकल्प यात्रा
कांग्रेस ने हाल ही में उपचुनाव वाले क्षेत्रों में संविधान बचाओ संकल्प सम्मेलन का आयोजन किया, जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय लोग और बुद्धिजीवी वर्ग शामिल हुए। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य संविधान की सुरक्षा और समाज में भाईचारे और सौहार्द्रता को बढ़ावा देना था।