
बहराइच में दुर्गा विसर्जन के दौरान हिंसा की फाइल फोटो।
बहराइच [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। 13 अक्टूबर 2024 को उत्तर प्रदेश के बहराइच के महराजगंज इलाके में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच हुई झड़प ने सांप्रदायिक हिंसा का रूप ले लिया। इस घटना में एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई, जिससे इलाके में तनाव फैल गया। पुलिस ने हालात काबू में करने के लिए कड़ी कार्रवाई की और अब तक 52 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
हिंसा – अफवाह- कानून व्यवस्था
1- उत्तर प्रदेश के बहराइच के महराजगंज कस्बे में 13 अक्तूबर को हुई सांप्रदायिक हिंसा ने इलाके में खौफ फैला दिया है। दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच डीजे पर भड़काऊ गाने बजाने को लेकर शुरू हुए विवाद ने हिंसक रूप ले लिया, जिसमें एक युवक राम गोपाल मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस घटना के बाद कई लोग अपने घरों को छोड़कर जाने पर मजबूर हो गए हैं।
2- घटना की शुरुआत दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान डीजे पर बजाए जा रहे गानों से हुई। स्थानीय मुस्लिम समुदाय ने डीजे बंद करने का अनुरोध किया जिसके चलते विवाद शुरू हुआ। पुलिस के अनुसार डीजे का तार खींचने के बाद हिंसा भड़क उठी और धीरे-धीरे भीड़ में उत्तेजना बढ़ गई। इसके बाद राम गोपाल मिश्रा एक घर के ऊपर भगवा झंडा फहराने का प्रयास करने लगे, जिसके दौरान गोली चलने से उनकी मृत्यु हो गई।
3- इस घटना के संबंध में महसी विधानसभा क्षेत्र के स्थानीय बीजेपी विधायक सुरेश्वर सिंह ने कहा कि बजाया गया गाना भड़काऊ नहीं था, बल्कि पाकिस्तान के खिलाफ था। उन्होंने जोर देकर कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। प्रशासन ने साफ किया है कि इस मामले में भ्रामक सूचनाएं फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस की ओर से सोशल मीडिया पर अफवाहों को रोकने के लिए भी सख्ती बरती जा रही है।
4- इस सांप्रदायिक तनाव के बाद महराजगंज के कई इलाके वीरान हो गए हैं। कई लोगों ने अपने घरों में ताले लगा दिए हैं। कुछ लोग बिना ताले लगाए ही घर छोड़ गए हैं। सड़कों पर जले हुए वाहनों का मलबा और टूटे-फूटे घर सांप्रदायिक संघर्ष की तस्वीर पेश कर रहे हैं। स्थानीय प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया और हिंसा के पीछे दोषियों को पकड़ने के लिए छापेमारी शुरू की है। पुलिस ने यह भी चेतावनी दी है कि किसी भी तरह की अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

5- 13 अक्तूबर को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान बहराइच में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद राम गोपाल मिश्रा की मृत्यु के मामले में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और एफआईआर के अनुसार गोली काफी नज़दीक से चलाई गई थी। पुलिस के अनुसार मिश्रा अब्दुल हामिद के घर में सीढ़ियों से उतरते वक्त गोली का शिकार हुए। आरोप है कि गोली अब्दुल हामिद ने चलाई।
6- पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक़ गोली नज़दीक से चलाई गई थी। पोस्टमार्टम के बारे में मीडिया में आ रही खबरों का बहराइच पुलिस ने खंडन किया है। घटना के बाद सोशल मीडिया पर मृतक के साथ की गई क्रूरता के भ्रामक दावे फैलाए गए। पुलिस ने बयान जारी कर कहा है सोशल मीडिया में सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने के उद्देश्य से भ्रामक सूचना जैसे मृतक को करंट लगाना, तलवार से मारना एवं नाखून उखाड़ना आदि बातें फैलाई जा रही हैं जिसमें कोई सच्चाई नहीं है। पोस्टमार्टम में मृत्यु का कारण गोली लगने से होना पाया गया है।
7- रविवार की घटना के बाद प्रशासन ने मूर्ति विसर्जन करा दिया। इसके बाद ये माना गया कि हालात सामान्य हो गए। हालात एक बार फिर बिगड़ गए। राम गोपाल मिश्रा का शव उनके गांव आया, जिसके बाद गांव के आसपास लोगों की भीड़ बढ़ने लगी। लोग शव को लेकर महसी तहसील आए और धरना देने लगे। इलाक़े के भाजपा विधायक सुरेश्वर सिंह ने लोगों को समझा बुझाकर शांत किया और मृतक के शव का अंतिम संस्कार कराया। मृतक के शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाए जाने के बाद भीड़ एकाएक उग्र हो गई और सड़क पर उतर आई।
8- हिंसक भीड़ को काबू करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद गृह सचिव और एडीजी लॉ एंड आर्डर अमिताभ यश को बहराइच भेजा। सोशल मीडिया पर अमिताभ यश की वो तस्वीरें वायरल हो गईं। इसमें वे पिस्टल लेकर भीड़ को तितर-बितर करते हुए नजर आते हैं। एडीजी लॉ एंड आर्डर अमिताभ यश के सड़क पर खुद उतरने के बाद सुरक्षा बलों ने मुस्तैदी से मोर्चा संभाला। इसके बाद हालात काबू में आ गए। अब कई ज़िलों से बुलाई गई फ़ोर्स और पीएसी मौक़े पर तैनात है। प्राथमिक तौर पर जो भी लापरवाही नजर आई उसके बाद थानाध्यक्ष और चौकी इंचार्ज को निलंबित किया गया है। बाक़ी जिम्मेदार लोगों को चिह्नित करने के लिए विभागीय जांच भी की जा रही है।
स्थिति नियंत्रण में
घटना के बाद बहराइच पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी है और इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। एसपी वृंदा शुक्ला के अनुसार, 52 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है और प्रशासन ने महराजगंज के चारों ओर सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया है। जो लोग हिंसा के डर से अपने घर छोड़कर चले गए थे, उन्हें वापस आने की सलाह दी गई है।
प्रशासन ने क्या की कार्रवाई
हिंसा के दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर-बितर किया। इस बीच, प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं और थानाध्यक्ष सहित कुछ अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश को मौके पर भेजा।

पिछले सांप्रदायिक तनाव की घटनाएं
बहराइच की यह घटना पहली बार नहीं है जब धार्मिक जुलूस के दौरान हिंसा भड़की हो। रामनवमी और दुर्गा विसर्जन के दौरान देश के कई हिस्सों में ऐसी घटनाएं सामने आई हैं। अक्सर डीजे पर भड़काऊ गाने बजाने और जुलूस के रास्तों को लेकर विवाद होते रहे हैं। प्रशासन द्वारा डीजे बजाने को लेकर गाइडलाइन जारी होने के बावजूद ऐसी घटनाएं नियंत्रण में नहीं आ रही हैं।
क्या है अनसुलझे सवाल
1- हालांकि इस बीच कई सवाल अनसुलझे हैं। महराजगंज में पर्याप्त फ़ोर्स ना होने के कारण पुलिस को घटना वाले दिन और बाद में सोमवार को पीछे हटना पड़ा। मौके पर मौजूद लोगों का कहना है कि संख्या बल के हिसाब से भीड़ अधिक थी। पुलिस वाले कम थे। इससे एक्शन लेने में देरी हुई।
2- कुछ लोगों ने सवाल उठाया कि क्या डीजे बजाने को लेकर सरकार ने या स्थानीय प्रशासन ने कोई गाइडलाइन जारी की थी ?अगर डीजे पर भड़काऊ गाना बज रहा था तो पुलिस ने क्यों नहीं रोका।
3- एक अरसा पहले प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा के दौरान डीजे को लेकर एक गाइडलाइन जारी की थी। इस मामले में उसके उल्लंघन से इनकार नहीं किया जा सकता। अमूमन जुलूस में बाधा डालने वालों को पुलिस तुरंत हिरासत में लेती है। इस केस में ऐसा नहीं हुआ।
4- सोमवार को राम गोपाल मिश्रा का शव परिजनों को सौंपने से पहले इलाके में सुरक्षा के पर्याप्त बंदोबस्त नहीं किए गए। इस वजह से भीड़ इकट्ठा होती चली गई और बाद में हिंसक भी हो गई।
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