
जम्मू-कश्मीर राजपूत विधायक केसरिया पगड़ी फाइल फोटो।
नई दिल्ली [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण दृश्य देखने को मिला जब राज्य के सभी 12 राजपूत विधायकों ने केसरिया पगड़ी पहनकर विधानसभा में प्रवेश किया। यह कदम न केवल उनकी जातीय पहचान और सांस्कृतिक धरोहर का प्रदर्शन था, बल्कि एकता और सम्मान का प्रतीक भी था। इन विधायकों में 10 भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से एक कांग्रेस पार्टी से और एक निर्दलीय विधायक शामिल थे।
भाजपा के राजपूत विधायक
भारतीय जनता पार्टी के 10 राजपूत विधायकों ने विधानसभा में केसरिया पगड़ी पहनकर एकता का संदेश दिया। यह विधायक अपने क्षेत्र में प्रभावशाली नेता माने जाते हैं, जो जनता के बीच एक मजबूत पकड़ रखते हैं। उनके नाम निम्नलिखित हैं:
शक्ति राज परिहार (BJP)
रणधीर सिंह (BJP)
दलीप सिंह (BJP)
सुरजीत सिंह (BJP)
दवेंद्र सिंह राणा (BJP)
शगुन परिहार (BJP)
रणवीर सिंह पठानिया (BJP)
बलवंत सिंह मनकोटिया (BJP)
राजीव सिंह (BJP)
दर्शन सिंह (BJP)
इन सभी विधायकों का उद्देश्य न केवल भाजपा की विचारधारा को मजबूती देना है, बल्कि अपने राजपूत समुदाय की ताकत और सम्मान को भी बढ़ावा देना है।
अन्य दलों के राजपूत विधायक
इनके अलावा, एक कांग्रेस पार्टी से और एक निर्दलीय विधायक भी इस पहल में शामिल हुए। इन विधायकों ने भी केसरिया पगड़ी पहनकर अपनी संस्कृति और राजपूत गौरव का प्रतीक पेश किया।
अर्जुन सिंह (NC)
डॉ. रामेश्वर सिंह (निर्दलीय)
केसरिया पगड़ी का महत्व
केसरिया पगड़ी हमेशा से ही वीरता, शौर्य, और सम्मान का प्रतीक रही है, खासकर राजपूत समुदाय के बीच। इसे पहनकर इन विधायकों ने अपने समुदाय की धरोहर को संजोने और सम्मानित करने का संदेश दिया। केसरिया रंग साहस और बलिदान का प्रतीक होता है, और यह कदम सभी विधायकों की एकता और शक्ति का उदाहरण प्रस्तुत करता है।
राजनीतिक एकता का संदेश
यह पहल न केवल एक सांस्कृतिक प्रतीक थी, बल्कि इससे राजनीतिक एकता का संदेश भी गया। अलग-अलग राजनीतिक दलों से होने के बावजूद, सभी 12 राजपूत विधायक एकसाथ खड़े हुए और अपनी सांस्कृतिक पहचान को सर्वोपरि रखा।