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लखनऊ [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। बुंदेलखंड क्षेत्र में हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने और उत्तर प्रदेश को सौर ऊर्जा में अग्रणी बनाने के उद्देश्य से ग्लोबल एनर्जी अलायंस फॉर पीपल एंड प्लेनेट (जीईएपीपी) और उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) के बीच एक महत्त्वपूर्ण साझेदारी की घोषणा की गई है। इस परियोजना के तहत बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर 450-500 मेगावाट की क्षमता वाला सौर पार्क स्थापित किया जाएगा, जिसकी कुल लागत लगभग 1,800 करोड़ रुपये होगी।
सौर ऊर्जा से बुंदेलखंड का विकास
यह सौर पार्क 296 किलोमीटर लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के साथ स्थित इलाकों में हरित ऊर्जा गलियारा स्थापित करेगा, जिससे न केवल सस्ती और स्वच्छ बिजली उत्पन्न होगी, बल्कि इस क्षेत्र का सर्वांगीण विकास भी होगा। इस परियोजना से बुंदेलखंड क्षेत्र सौर ऊर्जा संचालित बुनियादी ढांचे के लिए एक आदर्श मॉडल के रूप में उभरेगा।
परियोजना की मुख्य विशेषताएं
क्षमता: 450-500 मेगावाट
कुल लागत: 1,800 करोड़ रुपये
भूमि क्षेत्र: 1,700 हेक्टेयर
प्रौद्योगिकी मॉडल: ‘निर्माण-स्वामित्व-परिचालन’ (बीओओ) मॉडल
परिचालन अवधि: 25 वर्ष
नवीकरणीय ऊर्जा की बड़ी संभावनाएं
जीईएपीपी द्वारा किए गए व्यापक अध्ययन से पता चला है कि एक्सप्रेसवे के दोनों ओर 15-20 मीटर की निर्दिष्ट भूमि पर यह सौर परियोजना स्थापित की जा सकती है। इस परियोजना से उत्पन्न बिजली प्रतिस्पर्धी दरों पर उपलब्ध होगी, जिससे न केवल ऊर्जा क्षेत्र में सुधार होगा बल्कि पर्यावरण को भी बड़ा फायदा होगा।
भारत में एक्सप्रेसवे नेटवर्क की क्षमता
भारत के 6,000 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे नेटवर्क में नवीकरणीय ऊर्जा के लिए अपार संभावनाएं हैं। अकेले बुंदेलखंड सौर राजमार्ग परियोजना में 10 गीगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता है, जो देश की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। यूपीडा पहले ही इस परियोजना के लिए वैश्विक बोलियां आमंत्रित कर चुका है, और चयनित बोलीदाता प्राधिकरण के साथ राजस्व हिस्सेदारी के आधार पर कार्य करेगा।