
लेटे हनुमान जी की फाइल फोटो।
प्रयागराज [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। प्रयागराज का श्री बड़े हनुमान मंदिर अपने ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व के लिए जाना जाता है। महाकुंभ 2025 से पहले एक भव्य रूप में परिवर्तित हो रहा है। इस मंदिर के सौंदर्यीकरण और कॉरिडोर निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है। यह श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए एक अभूतपूर्व अनुभव प्रदान करेगा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विशेष निर्देश पर मंदिर के जीर्णोद्धार के साथ-साथ इसके आस-पास की सुविधाओं को भी विकसित किया जा रहा है।
क्या है मंदिर का पौराणिक मान्यता
श्री बड़े हनुमान मंदिर जिसे लेटे हुए हनुमान जी का मंदिर भी कहा जाता है, प्रयागराज के संगम किनारे स्थित है। 16वीं शताब्दी में स्थापित इस मंदिर की मूर्ति 20 फीट लंबी है और दक्षिणाभिमुखी है। माना जाता है कि लंका विजय के बाद हनुमान जी ने यहां संगम के तट पर अपनी थकान मिटाई थी। यह भी मान्यता है कि गंगा नदी का पानी हनुमान जी की मूर्ति को छूकर नीचे उतर जाता है। इसी मान्यता के चलते इस मंदिर का विशेष धार्मिक महत्व है।
मंदिर का सौंदर्यीकरण और कॉरिडोर निर्माण
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल से, मंदिर के गर्भगृह को बड़ा किया जा रहा है। इसके साथ ही परिक्रमा पथ, दुकानें, पार्किंग, प्रवेश द्वार, रैन बसेरा और हवन कुंड जैसी सुविधाएं भी तैयार की जा रही हैं। महाकुंभ 2025 में आने वाले लाखों श्रद्धालु इस नए और भव्य रूप से सजे मंदिर को देखने के लिए आकर्षित होंगे।
मुगल शासक अकबर की असफल कोशिश
ऐतिहासिक मान्यताओं के अनुसार, मुगल शासक अकबर ने साल 1582 में इस मंदिर को अपने किले के घेरे में लेने की कोशिश की थी, लेकिन वह हनुमान जी की मूर्ति को एक इंच भी हिला नहीं सका। अंततः, उसे किले की दीवार को पीछे खिसकाना पड़ा, जिससे यह मंदिर और भी ज्यादा प्रसिद्ध हो गया।
महाकुंभ 2025 के लिए विशेष तैयारियां
महाकुंभ 2025 को भव्य और ऐतिहासिक बनाने के लिए मंदिर के आसपास का पूरा क्षेत्र विकसित किया जा रहा है। सीएम योगी आदित्यनाथ के निरीक्षण के बाद, निर्माण कार्य में तेजी आई है और श्रद्धालुओं की संख्या भी बढ़ी है। प्रशासन और अधिकारियों की टीम दिन-रात इस बात पर काम कर रही है कि मंदिर का सौंदर्यीकरण महाकुंभ से पहले पूरा हो जाए।