
पीएम मोदी के साथ पुंगनूर गाय की फाइल फोटो।
नई दिल्ली [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। हाल के दिनों में पीएम आवास में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खास किस्म की गाय के साथ उसे दुलार हुए देखा गया था। सोशल मीडिया में मोदी के साथ इन गायों की फोटो खुब वायरल हुई थी। ऐसे में जिज्ञासा होती है कि इतनी नन्ही सी दिखने वाली गायें कहां से आईं। क्या आप इन गायों के बारे में जानते हैं। आइए जानते हैं इन गायों के बारे में विस्तार से-
पुंगनूर नस्ल की गाय
दरअसल, ये आंध्र प्रदेश की पुंगनूर नस्ल की गाय है। यह एक अनूठी और दुर्लभ गाय की नस्ल है। यह अपने छोटे आकार, कम देखभाल और उच्च गुणवत्ता वाले दूध के लिए जानी जाती है। इस गाय की विशेषताएं इसे भारत की दुर्लभ नस्लों में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाती हैं। चलिए जानते हैं पुंगनूर गाय की खासियतों के बारे में विस्तार से।

पुंगनूर गाय की शारीरिक विशेषताएं
पुंगनूर गाय का आकार छोटा होता है, और यह दुनिया की सबसे छोटी गायों में से एक मानी जाती है। इसकी औसत ऊंचाई 70 से 90 सेंटीमीटर के बीच होती है, और वजन लगभग 115-200 किलोग्राम होता है। छोटे आकार के बावजूद, यह गाय अपने अनूठे गुणों के लिए जानी जाती है:
छोटा कद: पुंगनूर गाय का कद छोटा और कॉम्पैक्ट होता है, जो इसे खेतों और छोटे स्थानों पर पालने के लिए उपयुक्त बनाता है।
रंग: यह गाय मुख्य रूप से सफेद रंग में पाई जाती है, लेकिन इसके शरीर पर हल्के भूरे या लाल धब्बे भी हो सकते हैं।
सिंग: पुंगनूर गाय के छोटे और मुड़े हुए सिंग होते हैं, जो इसकी पहचान का एक हिस्सा हैं।

पुंगनूर गाय के दूध की गुणवत्ता
पुंगनूर गाय का दूध उच्च गुणवत्ता वाला होता है और इसमें ए2 प्रोटीन पाया जाता है, जो पाचन के लिए बेहतर माना जाता है। इसके दूध में फैट की मात्रा लगभग 8% तक होती है, जो इसे अन्य गायों के दूध की तुलना में अधिक पौष्टिक बनाता है। इस गाय का दूध विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों के लिए फायदेमंद होता है, क्योंकि यह आसानी से पचने वाला होता है।
कम खर्चीली और अधिक उत्पादक
पुंगनूर गाय को पालना बहुत ही कम खर्चीला होता है। यह गाय कम चारे में भी अपना गुजारा कर लेती है और सूखे या कम जलवायु परिस्थितियों में भी जीवित रह सकती है। इसके अलावा, इसकी दूध उत्पादन क्षमता भी अपेक्षाकृत अच्छी होती है। यह गाय प्रतिदिन 3 से 5 लीटर तक दूध देती है, जो इसके छोटे आकार के बावजूद पर्याप्त होता है।

स्वास्थ्य और रोग प्रतिरोधक क्षमता
पुंगनूर गाय की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी अत्यधिक मजबूत होती है। यह गाय विभिन्न जलवायु परिस्थितियों में आसानी से अनुकूल हो जाती है और बीमारियों से कम प्रभावित होती है। इसके कारण इसे पालने में किसान को कम परेशानी होती है और स्वास्थ्य संबंधित खर्च भी कम आता है।
संरक्षण की आवश्यकता
पुंगनूर गाय एक दुर्लभ नस्ल है, और इसे संरक्षण की आवश्यकता है। आंध्र प्रदेश सरकार और अन्य संस्थाएं इस गाय की नस्ल को संरक्षित करने के लिए प्रयास कर रही हैं, ताकि यह गाय विलुप्त न हो। पुंगनूर गाय का संरक्षण न केवल जैव विविधता को बनाए रखने में मदद करेगा, बल्कि इसके गुणों से किसानों और उपभोक्ताओं को भी लाभ मिलेगा।