
सांकेतिक फाइल फोटो।
गाजियाबाद [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। शहरीकरण की तीव्र वृद्धि के कारण सड़कों पर बेसहारा गोवंश की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। यह गोवंश गर्मी, सर्दी और बरसात के मौसम में भूखे-प्यासे इधर-उधर भटकते रहते हैं, जिससे उनकी स्थिति अत्यधिक दयनीय हो जाती है। अक्सर यह बेसहारा गोवंश सड़कों पर दुर्घटनाग्रस्त होकर प्राण त्याग देते हैं।
गाजियाबाद की सड़कों पर घूमते बेसहारा गोवंश के संरक्षण के लिए 3 सितंबर 2024 को मुख्यमंत्री कार्यालय में एक शिकायत दर्ज करवाई गई थी। इसके साथ ही गाजियाबाद नगर निगम द्वारा संचालित नंदी पार्क की क्षमता और वहां रह रहे गोवंश की स्थिति जानने के लिए RTI भी दायर की गई थी।
नंदी पार्क की स्थिति: RTI से मिली जानकारी
RTI से प्राप्त जानकारी के अनुसार, नंदी पार्क की वर्तमान स्थिति अत्यधिक चिंताजनक है। पार्क में क्षमता से अधिक गोवंश रह रहा है, जिससे उनके उचित देखभाल और संरक्षण में दिक्कतें हो रही हैं। इस विषय पर ज्वाइंट डायरेक्टर पशुधन विभाग, लखनऊ से विस्तृत चर्चा की गई है, और जल्द ही उचित व्यवस्था का आश्वासन दिया गया है।
यह भी पढ़ें : एक शहर में तीन शहर बने अब चौथी की तैयारी, मास्टर प्लान 2041 को मिली मंजूरी
गौसंरक्षण में आपका सहयोग आवश्यक
गौसंरक्षण के इस प्रयास में आपका सहयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है। आपसे निवेदन है कि गाजियाबाद में कहीं भी सड़कों पर भटक रहे बेसहारा गोवंश की GPS फोटो (जिसमें लोकेशन और दिनांक एक साथ स्पष्ट हो) मेरे साथ साँझा करें। इन फोटोज को संबंधित अधिकारियों और प्रशासन के साथ साझा कर गौसंरक्षण के लिए उचित व्यवस्था करने का दबाव बनाया जाएगा।
गोवंश की पीड़ा कम करने का प्रयास
गौसंरक्षण केवल प्रशासन का कार्य नहीं है, यह हम सभी की जिम्मेदारी है। सड़कों पर दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे इन मासूम गोवंश की पीड़ा को कम करने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है। आपकी भेजी गई हर फोटो प्रशासन को कार्रवाई के लिए मजबूर करेगी और बेसहारा गोवंश की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।
मनीष सक्सैना (सह संयोजक गौसेवा गतिविधि, गाजियाबाद) ने कहा कि गौसंरक्षण में सहयोग करने के लिए बस एक छोटा कदम उठाएं। सड़कों पर भटक रहे बेसहारा गोवंश की GPS फोटो भेजकर आप इस नेक कार्य में योगदान दे सकते हैं। मनीष सक्सैना का यह अभियान गाजियाबाद में गौसंरक्षण के प्रयासों को सशक्त करेगा।
यह भी पढ़ें : 16 किमी लंबा एक्सप्रेसवे बनाने की मंजूरी, बदलेगी की यमुना सिटी की तक्दीर, जानें – क्यों और कैसे ?