
फाइल फोटो।
गाजियाबाद [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। गाजियाबाद के क्रॉसिंग रिपब्लिक इलाके में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक घरेलू सहायिका ने बदले की भावना से खाना बनाते समय पानी की जगह मूत्र का इस्तेमाल किया। इस घटना ने न केवल परिवार को आघात पहुंचाया, बल्कि समाज में घरेलू सहायिकाओं पर विश्वास को भी गहरा झटका दिया है।
सीसीटीवी कैमरे से खुलासा
यह मामला तब सामने आया जब परिवार के सदस्यों की सेहत लगातार खराब होने लगी और उन्हें त्वचा संबंधी समस्याएं होने लगीं। परिवार को शक हुआ कि कुछ गलत हो रहा है, इसलिए उन्होंने रसोई में गुप्त रूप से सीसीटीवी कैमरा लगवाया। कैमरे की फुटेज देखकर परिवार के होश उड़ गए, जब उन्होंने देखा कि उनकी घरेलू सहायिका रीना, खाना बनाते समय पानी की जगह मूत्र का इस्तेमाल कर रही थी।
घटना का विवरण और आरोपी की गिरफ्तारी
घरेलू सहायिका को एक बर्तन में मूत्र करते हुए और फिर उसी का इस्तेमाल करके रोटियां बनाते हुए कैमरे में कैद किया गया। इस घटना की जानकारी मिलते ही परिवार ने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने सहायिका रीना को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान पहले तो उसने इनकार किया, लेकिन जब उसे सीसीटीवी फुटेज दिखाया गया, तो उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया। उसने बताया कि वह पिछले चार महीनों से ऐसा कर रही थी।
घिनौने कृत्य के पीछे बदले की भावना
रीना ने पुलिस को बताया कि उसके मालिक उसे अक्सर डांटते थे और उसके काम में कमियां निकालते थे, जिससे वह अपमानित महसूस करती थी। इस अपमान का बदला लेने के लिए उसने यह घिनौना कृत्य करना शुरू किया। उसे लगता था कि इस तरह वह अपने मालिक और उनके परिवार को नुकसान पहुंचा रही थी।
स्वास्थ्य पर पड़ सकता है गंभीर प्रभाव
घटना के बाद परिवार के सदस्यों ने अपनी सेहत की जांच कराई। डॉक्टरों के अनुसार, मूत्र सेवन से सामान्यत: स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव नहीं पड़ता, लेकिन अगर मूत्र देने वाला व्यक्ति किसी बीमारी से ग्रस्त हो, तो इसका स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव हो सकता है। इसलिए परिवार को पूरी तरह से स्वास्थ्य जांच कराने की सलाह दी गई है।
समाज पर प्रभाव और मनोवैज्ञानिक विश्लेषण
मनोचिकित्सक डॉ. संजीव त्यागी ने बताया कि यह घटना गुस्से का एक विकृत रूप हो सकती है। जब लोग बार-बार अपमानित होते हैं, तो वे कभी-कभी इस तरह के घिनौने कदम उठाते हैं। इससे यह सवाल उठता है कि हमें अपने कर्मचारियों के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए ताकि इस प्रकार की घटनाओं से बचा जा सके।
गाजियाबाद की यह घटना समाज में घरेलू सहायिकाओं और नियोक्ताओं के बीच विश्वास के मुद्दे को सामने लाती है। इस प्रकार की घटनाएं न केवल समाज में चिंता का कारण बनती हैं, बल्कि हमें यह भी सोचने पर मजबूर करती हैं कि कैसे हम अपने आस-पास के लोगों के साथ बेहतर और सम्मानजनक व्यवहार कर सकते हैं, ताकि ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।