
फाइल फोटो।
लखनऊ [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में हाल ही में हुई सांप्रदायिक हिंसा को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। अखिलेश यादव ने इस घटना को राज्य सरकार की विफलता बताते हुए कहा कि यह हिंसा जानबूझकर कराई गई है, और भाजपा “बांटो और राज करो” की नीति पर काम कर रही है।
बहराइच हिंसा: क्या है मामला?
13 अक्टूबर को बहराइच जिले के महाराजगंज इलाके में दुर्गा पूजा विसर्जन के दौरान सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई थी। इस हिंसा में राम गोपाल मिश्रा नामक व्यक्ति की गोली लगने से मौत हो गई थी। इसके बाद इलाके में आगजनी और तोड़फोड़ हुई, जिसमें कई घर, दुकानें और वाहन क्षतिग्रस्त हो गए थे। इस मामले में पुलिस ने कई प्राथमिकी दर्ज की हैं और अब तक 55 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
अखिलेश यादव के आरोप
अखिलेश यादव ने बृहस्पतिवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, “यह घटना अचानक नहीं हुई है, बल्कि इसे जानबूझकर कराया गया है। भाजपा सरकार राज्य में सांप्रदायिक तनाव को भड़काकर ‘डिवाइड एंड रूल’ की नीति अपना रही है।” उन्होंने आगे कहा कि सरकार को इस बात का जवाब देना चाहिए कि जब इस प्रकार के बड़े आयोजन हो रहे थे, तो वहां पुलिस सुरक्षा क्यों नहीं थी?
पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल
अखिलेश यादव ने बहराइच हिंसा के आरोपियों की पुलिस मुठभेड़ में गिरफ्तारी पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि राज्य की भाजपा सरकार ने पुलिस को “बिगाड़” दिया है और बिना ठोस जांच के फर्जी मुठभेड़ों के जरिए लोगों को फंसाया जा रहा है। उन्होंने पूर्व डीजीपी के बयान का हवाला देते हुए कहा कि “यह एनकाउंटर नहीं, बल्कि हत्याएं हैं।”
“पत्रकारों पर भी हमला”
अखिलेश यादव ने बताया कि जिस पत्रकार ने बहराइच हिंसा का पहला वीडियो वायरल किया था, उसे भाजपा समर्थकों द्वारा बुरी तरह से मारा गया। उन्होंने कहा, “अगर भाजपा पत्रकारों पर हमला कर रही है या उन्हें झूठे मुकदमों में जेल भेज रही है, तो इसका मतलब कुछ तो छिपाया जा रहा है।”
भाजपा सरकार की विफलता
सपा प्रमुख ने भाजपा सरकार को इस घटना के लिए पूरी तरह जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार और प्रशासन ने इस हिंसा को रोकने के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए। उन्होंने मांग की कि सरकार को इस घटना के लिए माफी मांगनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
बहराइच हिंसा को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव के इन बयानों ने राज्य की राजनीतिक हलचल को और तेज कर दिया है। भाजपा पर लगे इन गंभीर आरोपों से यह साफ हो जाता है कि आगामी चुनावों के मद्देनजर यह मुद्दा राजनीतिक बहस का केंद्र बिंदु बनने वाला है।