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नई दिल्ली [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी. वाई. चंद्रचूड़ ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए केंद्र सरकार को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना को अपना उत्तराधिकारी नामित किया है। यह पत्र सीजेआई के उत्तराधिकारी नियुक्ति की प्रक्रिया के तहत भेजा गया है, जो सुप्रीम कोर्ट की परंपरा और न्यायपालिका की निरंतरता को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है।
कौन हैं जस्टिस संजीव खन्ना?
जस्टिस संजीव खन्ना का न्यायिक करियर बेहद सम्मानित और प्रतिष्ठित रहा है। वे अपने निष्पक्ष और संतुलित फैसलों के लिए जाने जाते हैं। न्यायपालिका में उनके योगदान और अनुभव को देखते हुए उन्हें सीजेआई चंद्रचूड़ का उत्तराधिकारी नियुक्त किया गया है।
न्यायपालिका में उत्तराधिकार प्रक्रिया
भारत में मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति एक खास प्रक्रिया के तहत होती है, जहां निवर्तमान सीजेआई अपने उत्तराधिकारी के रूप में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश का नाम केंद्र सरकार को सुझाते हैं। यह प्रक्रिया न्यायपालिका की स्वतंत्रता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए की जाती है।
जस्टिस संजीव खन्ना का नामित होना क्यों महत्वपूर्ण है?
जस्टिस खन्ना की नियुक्ति से न्यायपालिका में निरंतरता बनी रहेगी। उनके व्यापक अनुभव और संवेदनशीलता के कारण, वे न्यायपालिका को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में सक्षम होंगे।
विशेषज्ञों का कहना है कि मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ द्वारा जस्टिस संजीव खन्ना को उत्तराधिकारी के रूप में नामित करना भारतीय न्यायपालिका के लिए एक सकारात्मक और महत्वपूर्ण निर्णय है। इस कदम से न्याय प्रणाली में पारदर्शिता और विश्वास मजबूत होंगे।