
महाकुंभ मेला फाइल फोटो।
प्रयागराज [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। आगामी महाकुंभ मेला 2025 को लेकर कई नए नियम लागू किए गए हैं। प्रशासन ने इस बार संतों और अन्य उपस्थित लोगों के लिए आईडी प्रूफ अनिवार्य कर दिया है। साथ ही मेला क्षेत्र में उर्दू नामों को बदलने की योजना बनाई गई है और गैर-सनातनी व्यक्तियों को फूड स्टॉल लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
संतों के लिए आईडी प्रूफ अनिवार्य
महाकुंभ मेला 2025 में सुरक्षा के दृष्टिकोण से संतों और साधुओं को पहचान पत्र (ID प्रूफ) दिखाना अनिवार्य होगा। इस कदम का उद्देश्य मेले में आने वाले संतों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। आईडी प्रूफ के जरिए प्रशासन संतों की पहचान और उनकी सुरक्षा का ध्यान रख सकेगा।
उर्दू नामों में होगा बदलाव
महाकुंभ मेले के आयोजन स्थल और उसके आस-पास कई स्थानों के उर्दू में लिखे गए नामों को बदलने की योजना भी बनाई गई है। इस बदलाव के तहत उन सभी नामों को हिंदी या संस्कृत में बदला जाएगा ताकि धार्मिक और सांस्कृतिक परिवेश के साथ सामंजस्य बिठाया जा सके।
गैर-सनातनियों को नहीं मिलेगी फूड स्टॉल लगाने की अनुमति
प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि मेले में फूड स्टॉल लगाने की अनुमति केवल सनातनी व्यक्तियों को ही दी जाएगी। गैर-सनातनी लोगों को स्टॉल लगाने की अनुमति नहीं होगी। इसका उद्देश्य मेला क्षेत्र में धार्मिकता और संस्कृति के अनुकूल वातावरण बनाए रखना है।
महाकुंभ मेला 2025 के लिए तैयारियां
महाकुंभ मेला 2025 विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन होगा। इसमें लाखों श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए कई नए नियम लागू किए हैं। इसमें आईडी प्रूफ अनिवार्यता, उर्दू नामों का हिंदी में परिवर्तन और केवल सनातनी लोगों को ही स्टॉल लगाने की अनुमति शामिल है।
महाकुंभ मेला 2025 के नियमों का पालन जरूरी
महाकुंभ मेला 2025 में प्रशासन ने नियमों का सख्ती से पालन करने की चेतावनी दी है। यह नियम केवल सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के लिए हैं, और इन्हें सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन कड़ी निगरानी रखेगा।