
फाइल फोटो।
नोएडा [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ] नोएडा प्राधिकरण ने शहर को आपदाओं से सुरक्षित रखने के लिए कुछ साल पहले आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ की स्थापना की थी, लेकिन पिछले 5 वर्षों से यह इकाई बंद पड़ी है। प्रकोष्ठ में आपदा प्रबंधन के लिए आवश्यक उपकरण, जैसे लाइव जैकेट, स्टीमर, नाव और अग्निशमन यंत्र तक उपलब्ध नहीं हैं। इतना ही नहीं यहां पर सिर्फ एक गार्ड ही मौजूद रहता है, जबकि बाकी कर्मचारियों की नियुक्ति भी नहीं की गई है।
आपदा प्रबंधन की अनदेखी
विशेषज्ञों के अनुसार नोएडा शहर भूकंप जोन-4 में आता है, जहां 7 रिक्टर स्केल तक के भूकंप आ सकते हैं। शहर की मिट्टी रेतीली और गीली होने के कारण, यदि किसी भी प्रकार की भूकंप या अन्य प्राकृतिक आपदा आती है तो इमारतों के ढहने का खतरा बना रहता है। यही कारण है कि आपदा प्रबंधन इकाई की स्थापना की गई थी, ताकि ऐसी आपदाओं से समय रहते निपटा जा सके।
आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ का हाल
प्रकोष्ठ में कोई भी कर्मचारी नियुक्त नहीं है और यहां पर सिर्फ प्रमोद नामक व्यक्ति ही इसकी देखरेख करता है। 2023 में यमुना और हिंडन नदियों में आई बाढ़ के दौरान भी प्रकोष्ठ का कोई सहयोग नहीं मिला। एनडीआरएफ, पुलिस और जिला प्रशासन ने मिलकर हजारों लोगों को बाढ़ से बचाया, लेकिन प्रकोष्ठ की भूमिका नगण्य रही।
क्या है भविष्य की तैयारी
नोएडा प्राधिकरण के ओएसडी देवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि फिलहाल आपदा प्रबंधन के लिए प्रकोष्ठ में कर्मचारी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि यदि कोई आपातकालीन स्थिति उत्पन्न होती है, तो प्राधिकरण और जिला प्रशासन मिलकर काम करते हैं। इससे साफ होता है कि भविष्य में अगर किसी बड़ी आपदा का सामना करना पड़ता है, तो स्थिति बेहद चिंताजनक हो सकती है।