
इलाहाबाद हाई कोर्ट की फाइल फोटो।
प्रयागराज [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक याचिका के दौरान आर्य समाज चौक प्रयागराज द्वारा शादी प्रमाणपत्र जारी करने से इनकार कर दिया गया है। अदालत ने इस मामले की गहन जांच के निर्देश देते हुए कोतवाली प्रभारी से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। यह मामला तब उठा जब शिवानी केसरवानी और एक अन्य व्यक्ति ने विवाह के बाद संरक्षण की मांग करते हुए कोर्ट का रुख किया था।
याचियों का दावा और कोर्ट का निर्देश
याचियों का कहना है कि वे दोनों बालिग हैं और उन्होंने अपनी मर्जी से शादी की है। उनका आरोप है कि उन्हें अपने परिवार से जान का खतरा है और धमकियां मिल रही हैं। इस पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एसएचओ कोतवाली प्रयागराज को निर्देश दिया कि वे याचियों की शादी से संबंधित पूरी जानकारी इकट्ठा करें, जैसे कि शादी किसने कराई, विवाह प्रमाणपत्र किसने दिया, और पुरोहित का नाम व संपर्क जानकारी।
आर्य समाज का इनकार
आर्य समाज चौक प्रयागराज के अध्यक्ष, सचिव और पुरोहित पंकज शुक्ल ने अदालत को सूचित किया कि उन्होंने याचियों की शादी नहीं कराई और न ही शादी का कोई प्रमाणपत्र जारी किया है। कोर्ट में पेश किए गए प्रमाणपत्र पर आर्य समाज के किसी भी प्रतिनिधि का हस्ताक्षर नहीं था। यह सुनवाई के दौरान कोर्ट के सामने एक महत्वपूर्ण तथ्य के रूप में सामने आया।
कोर्ट का आदेश और अगली सुनवाई
कोर्ट ने याचियों को निर्देश दिया है कि वे जांच में पूरा सहयोग करें। यदि वे जांच में सहयोग नहीं करते हैं, तो उन्हें अगली सुनवाई में 16 अक्टूबर को अदालत में पेश किया जाएगा। अदालत ने मामले की सच्चाई उजागर करने के लिए गहन जांच की मांग की है। इस बीच, कोर्ट ने अधिवक्ता आर बी मिश्र को न्यायमित्र नियुक्त किया है, जो इस मामले में कोर्ट की सहायता करेंगे।
शादी प्रमाणपत्र पर उठे सवाल
यह मामला इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें विवाह प्रमाणपत्र और उसे जारी करने वाले संगठन की वैधता पर सवाल उठे हैं। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि अगर प्रमाणपत्र आर्य समाज चौक की तरफ से नहीं दिया गया, तो यह एक गंभीर मुद्दा है, जिससे याचियों की शादी की वैधता पर भी असर पड़ सकता है।