
फाइल फोटो।
नोएडा [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) ने 9 अक्टूबर 2024 को अपनी आवासीय भूखंड योजना का सफल ड्रॉ संपन्न किया। यह ड्रॉ ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो मार्ट में आयोजित किया गया, जिसमें 352 आवासीय प्लॉटों का निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से आवंटन किया गया। इस ड्रॉ का संचालन करवाने में करूणेष शर्मा और रिधिमा बारिक की अहम भूमिका रही। इस टीम ने इसे बेहतरीन ढंग से अंजाम दिया।
ड्रॉ का आयोजन और पारदर्शिता
यीडा के ओएसडी शैलेन्द्र कुमार भाटिया ने बताया कि ड्रॉ की शुरुआत सुबह 10 बजे से हुई और इसे पूर्ण पारदर्शिता के साथ संपन्न किया गया। इस योजना में 352 भूखंडों के लिए कुल 1,87,577 लोगों ने आवेदन किया था। ड्रॉ का संचालन 3 हाईकोर्ट के रिटायर्ड जजों की उपस्थिति में किया गया और इसकी वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी कराई गई ताकि किसी प्रकार की गड़बड़ी की गुंजाइश न हो। साथ ही, लाइव प्रसारण भी किया गया, ताकि हर कोई इस प्रक्रिया को देख सके।
ड्रॉ के परिणाम और प्रक्रिया
ड्रॉ के दौरान भाग्यशाली 352 आवेदकों को आवासीय भूखंडों का आवंटन किया गया। सभी सफल आवेदकों की सूची जल्द ही यीडा की आधिकारिक वेबसाइट www.yamunaexpresswayauthority.com पर अपलोड की जाएगी। आवंटन पत्र 14 अक्टूबर तक जारी किए जाएंगे, और शेष 90% राशि का भुगतान अगले साल तक करना होगा।
आवंटन की श्रेणियां और भूखंडों का साइज
120 वर्ग मीटर के 84 भूखंडों के लिए 67,197 आवेदकों ने हिस्सा लिया।
162 वर्ग मीटर के 77 भूखंडों के लिए 44,181 आवेदन प्राप्त हुए।
200 वर्ग मीटर के 3 भूखंडों के लिए 2,512 आवेदन किए गए।
300 वर्ग मीटर के 125 भूखंडों के लिए 59,163 आवेदन प्राप्त हुए।
500 वर्ग मीटर के 38 भूखंडों के लिए 9,777 आवेदकों ने हिस्सा लिया।
1000 वर्ग मीटर के 17 भूखंडों के लिए 3,658 आवेदन मिले।
2000 वर्ग मीटर के 8 भूखंडों के लिए 1,089 आवेदकों ने ड्रॉ में हिस्सा लिया।
सफल आवेदकों के लिए मार्गदर्शन
ड्रॉ में सफल रहे आवेदकों के लिए अगले कुछ दिनों में उनके आवेदन पत्र जारी किए जाएंगे। जिन्हें प्लॉट आवंटित नहीं हो सके, उनके पैसे 72 घंटों के भीतर उनके बैंक खातों में वापस कर दिए जाएंगे।
ड्रॉ की निष्पक्षता की गारंटी
ड्रॉ के आयोजन से पहले सभी पर्चियों की जांच की गई और यह सुनिश्चित किया गया कि प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी न हो। यीडा ने इसे पूरी पारदर्शिता के साथ संपन्न किया, ताकि सभी आवेदकों को निष्पक्षता का आश्वासन मिल सके।