
फाइल फोटो।
Ratan Tata is no more। 2013 में उद्योगपति रतन टाटा ने अपने मेक्सिकन मित्र इमिलियो डियाज बारसो के साथ ताजमहल का दौरा किया था। ताजमहल की वास्तुकला को देखकर वह भावुक हो गए थे। उसकी वास्तुकला के वह फैन हो गए थे। ताजमहल की सुंदरता से अभिभूत होकर टाटा ने कहा ऐसा था कि न पहले कुछ बना है और न कभी बन पाएगा।
ताजमहल के दीदार का अनमोल अनुभव
रतन टाटा ने ताजमहल में 45 मिनट बिताए। इस दौरान वह इसकी अद्वितीय वास्तुकला और इतिहास से बेहद प्रभावित हुए। उन्होंने डायना बेंच पर बैठकर तस्वीर खिंचवाई, जो उस यात्रा का खास हिस्सा बनी। रतन टाटा के साथ इस दौरे में मौजूद आगरा के जाने-माने डॉक्टर डीवी शर्मा ने बताया कि टाटा ताजमहल की हर बारीकी के बारे में गाइड से जानकारी ले रहे थे और उसे ध्यानपूर्वक देख रहे थे।
ताज व्यू होटल में ठहरने का अनुभव
ताजमहल भ्रमण के बाद रतन टाटा ने अपने ग्रुप के होटल ताज व्यू में ठहरने का निर्णय लिया। हालांकि, वे इस यात्रा को व्यक्तिगत मानते थे और इसी कारण उन्होंने मीडिया से बातचीत करने से मना कर दिया। लेकिन उनके ताजमहल के अनुभव ने उनकी सादगी और शालीनता को और भी गहराई से लोगों के सामने रखा।
नयति अस्पताल का उद्घाटन
रतन टाटा की सादगी मथुरा के लोगों को भी खूब भायी थी। 28 फरवरी 2016 को मथुरा के नयति अस्पताल के उद्घाटन के दौरान उनकी एक झलक ने वहां मौजूद लोगों को मुरीद बना दिया। उनकी सहजता और मुस्कराहट ने उन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता। रतन टाटा की इस यात्रा से ताजमहल और भारतीय धरोहर की प्रशंसा को एक नई ऊंचाई मिली, और उनकी सादगी के किस्से आज भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं।
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