
ईडी की जांच के घेरे में आए रमा रमण। फाइल फोटो।
नोएडा [TV 47 न्यूज नेटवर्क] । नोएडा प्राधिकरण के पूर्व सीईओ रमा रमण ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के बाद खुद को संभावित गिरफ्तारी से बचाने के लिए अदालत में अग्रिम जमानत की याचिका दाखिल की है। मामले की सुनवाई में बचाव पक्ष के वकील ने अपने तर्क रखे। अदालत ने ईडी का पक्ष जानने के लिए 17 अक्टूबर की अगली तारीख निर्धारित की है।
क्या है आरोप
रमा रमण 2010 से 2016 तक नोएडा प्राधिकरण, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और यमुना अथॉरिटी के सीईओ रहे हैं। उन पर और अन्य आईएएस अधिकारियों, जिनमें मोनिंदर सिंह भी शामिल हैं, पर आरोप है कि उन्होंने बिल्डरों को नियमों के खिलाफ प्लॉट आवंटित किए। ईडी ने इस मामले की जांच शुरू की, जिसमें आरोप गंभीर हैं और करोड़ों की जमीनों के आवंटन में अनियमितता का संदेह है।
मोहिंदर सिंह का बयान और जांच
मोहिंदर सिंह, जो 2010 में सीईओ पद से हटे थे, ने ईडी के सामने बयान दिया कि अधिकांश औपचारिकताएं उनके जाने के बाद पूरी हुईं। उनके इस बयान के बाद, ईडी ने रमा रमण के कार्यकाल की गहन जांच शुरू की, जिसमें कई विवादास्पद जमीन आवंटन के मामलों की जांच की जा रही है।
रमा रमण का पक्ष
रमा रमण के वकील ने अदालत में जमानत याचिका दायर करते हुए कहा कि उनका मुवक्किल जांच में पूरी तरह से सहयोग करने को तैयार है। वकील ने यह भी तर्क दिया कि आरोपों में ठोस साक्ष्य नहीं हैं और रमा रमण की छवि को जानबूझकर नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जा रही है।