
मातृ एवं शिशु रेफरल अस्पताल की फाइल फोटो।
लखनऊ [ TV 47 न्यूज नेटवर्क] । राजधानी लखनऊ का डॉ. मातृ एवं शिशु रेफरल अस्पताल जन्मजात या उसके बाद पैदा होने वाली विभिन्न तरह की विकृतियों वाले बच्चों और हाईरिस्क प्रेग्नेंसी वाली महिलाओं यानि गंभीर गर्भवतियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। यह हॉस्पिटल डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान का ही एक विंग है, जो विशेष रूप से जच्चा और बच्चा के स्वास्थ्य के लिए ही बनाया गया है।
यह किसी भी प्रकार की गंभीर बीमारियों से ग्रस्त बच्चों और अनेकों प्रकार की जटिलताओं से पीड़ित गर्भवतियों के लिए प्रदेश का सबसे बड़ा हाईटेक और सुपरस्पेशियलिटी रेफरल सेंटर भी है। यहां प्रदेश भर के अलावा अब दूसरे राज्यों से भी गंभीर जच्चा-बच्चा रेफर होकर आते हैं, जिनका संपूर्ण इलाज किया जाता है। खास बात यह है कि इस हाईटेक हॉस्पिटल में जच्चा-बच्चा के इलाज से लेकर जांच और ऑपरेशन तक की ज्यादातर सुविधाएं मुफ्त हैं।
महत्वपूर्ण सुविधाएं
मदर एंड चाइल्ड रेफरल हॉस्पिटल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. श्रीकेश सिंह कहते हैं कि वर्तमान में यहां तीन विभाग पूर्णरूप से कार्यरत हैं। इनमें ऑब्सगायनी, पीडियाट्रिक और पीडियाट्रिक सर्जरी प्रमुख हैं। साथ ही साथ ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन और ब्लड बैंक की भी सुविधा है।
ऑब्सगायनयिक विभाग में 24 घंटे इमरजेंसी ओपीडी और ओटी सेवा है, जिसमें गर्भवतियों महिलाओं की हर जटिलताओं का इलाज, जांच व ऑपरेशन की सुविधा है। साथ ही रूटीन इलेक्टिव ओटी सेवा भी है। इसके अलावा हमारे पास 3 मॉड्युलर ओटी हैं। इनमें सभी प्रकार की गायनिक समस्याओं और आईवीएफ की समस्या का समाधान है। यहां आईवीएफ लिए स्पेशियालिटी यूनिट चलती है।
पीडियाट्रिक विभाग
डॉ. श्रीकेश सिंह ने बताया कि पीडियाट्रिक में हमारा 100 बेड का डेडिकेटेड पीडियाट्रिक यूनिट है। जिसमें 6 बेड का एनआईसीयू, 6 बेड का पीआईसीयू और 10 बेड का सिक नियोनैटल केयर यूनिट है। जिसमें प्रदेश भर के बच्चे रेफर हो के आते हैं। इनमें प्रिमेच्योर बच्चे भी होते हैं, जिन्हें वेंटिलेटर की आवश्यकता होती है उनका पूरा इलाज होता है। साथ ही अन्य गंभीर बीमारियों का भी इलाज होता है।
पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग
उन्होंने बताया कि बच्चों के ऑपरेशन के लिए यहां 30 बेड का विशेष सुविधायुक्त पीडियाट्रिक विभाग है, जिसमें बच्चों को जन्मजात से लेकर 14 साल तक की उम्र में होने वाली सभी प्रकार की विकृतियों का सफल इलाज किया जाता है। इसमें सिर से लेकर पैर तक होने वाली विकृतियां शामिल हैं। जैसे सिर का विकास न होना,छाती का विकास न होना, मलद्वार का न होना और इसके अलावा जो अन्य समस्याएं हैं, उनका ऑपरेशन किया जाता है।

24 घंटे की पैथालॉजी और ब्लड बैंक सेवा
डॉ. श्रीकेश सिंह ने बताया कि यहां 24 घंटे की पैथालॉजी, रेडियोलॉजी और फॉर्मेसी सेवा है। इस प्रकार अपने आप में यह जच्चा और बच्चा का संपूर्ण अस्पताल है। यहां ब्लडबैंक की भी 24 घंटे सुविधा है। ब्लड डोनेशन की सेवा भी सुचारू है।
सरकारी योजनाएं
डॉ. श्रीकेश सिंह ने बताया कि यहां भारत सरकार और यूपी सरकार की जो भी स्वास्थ्य योजनाएं हैं, वह यहां पूरी तरह से लागू हैं। जैसे भारत आयुष्यमान योजना यहां पूर्णतः लागू है, जिसके माध्यम से मरीज लाभान्वित हो रहे हैं और उनका सफल इलाज हो रहा है।
उन्होंने कहा कि आज की तारीख में अगर मैं आपको बतौर पीडियाट्रिक सर्जन बताऊं तो जो भी हमारे यहां रूटीन या कुछ इमरजेंसी के ऑपरेशन हो रहे हैं उनमें 80 से 90 फीसदी आयुष्मान के माध्यम से हो रहे हैं। साथ ही हम लोग भी मरीजों को इसके लिए प्रेरित करते हैं। इसके लिए हमारे यहां एक अलग आयुष्मान काउंटर भी बनाया गया है। ताकि जिनका कार्ड नहीं है, उनका कार्ड बनाकर आयुष्मान के माध्यम से भर्ती किया जाए। ताकि 5 लाख रुपये तक का उनका इलाज मुफ्त हो सके।
आरबीएसके योजना
राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत यहां जन्मजात से 14 साल तक के बच्चों के मुफ्त इलाज, जांच और ऑपरेशन की सुविधा है। इसके अलावा अन्य योजनाएं भी हैं। उन्होंने कहा कि आरबीएसके तहत हम लोग जितने भी न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट्स हैं, जैसे सर में पानी भर जाना, रीढ़ की हड्डी का फोड़ा यह सब यहां निश्शुल्क इलाज व ऑपरेशन कर रहे हैं।
दिल में छेद होना, वॉल्व का न होना आदि गंभीर जटिलताओं का भी इलाज किया जाता है। वहीं गर्भवती महिलाओं के लिए जननी स्वास्थ्य सुरक्षा योजना और केंद्र व राज्य सरकार की अन्य योजनाएं लागू हैं, जिसके तहत उनके संपूर्ण जांच, इलाज व ऑपरेशन की मुफ्त सुविधा है।