
ज्ञानवापी में अतिरिक्त सर्वे फाइल फोटो।
वाराणसी [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। ज्ञानवापी में अतिरिक्त सर्वे कराने की वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी की अपील पर गुरुवार को सुनवाई हुई। वाद मित्र के प्रार्थना पत्र पर प्रतिवादी संख्या एक अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के वकील मुमताज अहमद ने पक्ष रखा।
उन्होंने वाद मित्र के प्रार्थना पत्र आपत्ति करते हुए कहा कि यह प्रार्थना पत्र पोषणीय नहीं है। उच्च न्यायालय ने वाद मित्र को अतिरिक्त सर्वे कराने की मांग जैसे प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करने का कोई आदेश नहीं दिया था। अदालत ने अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद के वकील की बहस को जारी रखते हुए आठ अक्टूबर की तिथि मुकर्रर कर दी।
ज्ञानवापी में नए मंदिर के निर्माण और हिंदुओं को पूजा-पाठ करने का अधिकार देने को लेकर 1991 में दाखिल मुकदमे की सुनवाई गुरुवार को सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक) युगुल शंभू की अदालत में चल रही है।
स्वयंभू विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग की ओर से स्व. पं. सोमनाथ व्यास, डा. रामरंग शर्मा व पं. हरिहर नाथ पांडेय द्वारा दाखिल इस मुकदमे के वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी ने ज्ञानवापी में अतिरिक्त एएसआइ सर्वे की मांग की है।
उनके प्रार्थना पत्र पर वह स्वयं और प्रतिवादी संख्या दो सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड अपना पक्ष अदालत में प्रस्तुत कर चुके हैं। प्रतिवादी संख्या एक अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद की ओर से पक्ष रखा जा रहा है।