
आम्रपाली प्रोजेक्ट की क्वालिटी पर उठ रहे सवाल की फाइल फोटो।
नोएडा [ TV 47 न्यूज नेटवर्क] Amrapali in Greater Noida West : ग्रेटर नोएडा वेस्ट में आम्रपाली के पांच से अधिक प्रोजेक्ट में नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन (एनबीसीसी) के कराए गए निर्माण कार्य पर सवाल उठ रहे हैं। खासकर इसके निर्माण गुणवत्ता को लेकर एक नई बहस छिड़ गई है। आम्रपाली के विभिन्न प्रोजेक्ट में रह रहे निवासियों को हैंड ओवर लिए हुए अभी एक साल से कम समय हुआ है, लेकिन घर की दीवारों के प्लास्टर झड़ने लगे हैं।
एनबीसीसी के अधिकारियों ने निर्माण कार्यों में की लापरवाही
इसके लिए एक्सपेंशन जॉइंट को ठीक करने के लिए टेंडर जारी किया जा रहा है। आरोप है कि आम्रपाली के साथ ही एनबीसीसी के अधिकारियों ने निर्माण कार्यों में लापरवाही बरती है, जिसका खामियाजा अब निवासी उठा रहे हैं। लोगों को उम्मीद थी कि एनबीसीसी के निर्माण में कोई शिकायत नहीं होगी। उसके निर्माण की गुवत्ता अच्छी होगी, लेकिन अब लोग एनबीसीसी के निर्माण से नाखुश हैं। एनबीसीसी के कई प्रोजेक्ट में इस तरह की शिकायतें मिल रही हैं।
ग्रेनो वेस्ट में आम्रपाली बिल्डर के मुख्य प्रोजेक्ट
नेफोवा के अध्यक्ष अभिषेक कुमार ने बताया कि ग्रेनो वेस्ट में आम्रपाली बिल्डर के चार मुख्य प्रोजेक्ट हैं। इनको अलग-अलग हिस्सों में बांटा गया है। इसमें आम्रपाली लेजर वैली है। लेजर वैली में फ्लैट और 800 के करीब विला है। सेंचुरियन पार्क में लो राइज, ओटू वैली, आम्रपाली ड्रीम वैली और हाईराइज प्रोजेक्ट हैं। इसके अलावा आम्रपाली गोल्फ होम्स व किंग्स वुड और लेजर पार्क हैं।
आम्रपाली के सभी प्रोजेक्ट एनबीसीसी ने कराया निर्माण
उन्होंने बताया कि इन सभी प्रोजेक्ट में आम्रपाली और एनबीसीसी ने निर्माण का कार्य किया है, लेकिन उसकी गुणवत्ता बेहद खराब है। उन्होंने कहा कि निर्माण के चंद दिन बाद ही किसी न किसी के प्लास्टर, सीपेज की समस्या आ रही है। कई बायर्स को पजेशन मिले हुए है डेढ़ से दो साल हुए है, लेकिन उनके फ्लैट में दरार तक आने लगी है।
उन्होंने कहा कि अगले सप्ताह होने वाली सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में इस मामले को रखा जाएगा। आम्रपाली सेंचुरियन पार्क सोसायटी में एओए के उपाध्यक्ष जितेन्द्र सिंह ने कहा है कि निर्माण कार्य संतोष जनक नहीं है। इतनी जल्दी फ्लैट की दीवारों से सीमेंट की परते गिर रही हैं, जबकि अभी बायर्स को हैंड ओवर लिए मुश्किल से डेढ़ से दो वर्ष ही हुए है। प्लास्टर गिर रहा है।
आम्रपाली के प्रोजेक्ट में आ रही दिक्कत
यह आरोप लग रहे हैं कि एनबीसीसी ने प्रॉजेक्ट में निर्माण की गुणवत्ता पर कोई ध्यान नहीं दिया है। आम्रपली के हर प्रोजेक्ट में आए दिन दिक्कतें उत्पन्न हो रही है। जिस तरह से बायर्स ने बिल्डिंग की गुणवत्ता का अनुमान लगाया था, उस तरह से कार्य नहीं कराया गया। इसको सुप्रीम कोर्ट के सामने पहले भी रखा गया है, अब सुनवाई में दोबारा से भी रखा जाएगा।
- दीपांकर कुमार, याचिकाकर्ता, आम्रपाली केस