
Prayagraj News File Photo
प्रयागराज, [TV 47 न्यूज़ नेटवर्क ] जामिया हबीविया मस्जिदे आजम मदरसा के मौलवी समेत चारों आरोपितों से पुलिस ने पूछताछ शुरू कर दिया है। सबको नैनी जेल से बाहर लाकर सवाल किए जा रहे हैं।
पूछा जा रहा है कि मदरसे में आरएसएस को देश का सबसे बड़ा आतंकवादी संगठन बताने वाली किताब को मदरसे में रखने का उद्देश्य क्या था? गिरोह के सरगना से ओडिशा भेजने वाले पार्सल को लेकर पुलिस जवाब खोजेगी।
अभियुक्तों से आतंकवाद निरोधक संगठन (एटीएस) और खुफिया एजेंसी से जुड़े अधिकारी भी सवाल-जवाब करेंगे। अगस्त माह में सिविल लाइंस पुलिस ने अतरसुइया स्थित जामिया हबीविया बवकी मस्जिदे आजम मदरसा में छापेमारी नों से करते हुए नकली नोट फैक्ट्री का की भंडाफोड़ किया था।
इस दौरान मदरसा के कार्यवाहक प्रिंसिपल (मौलवी) मो. तफसीरुल आरीफीन, गिरोह के सरगना उड़ीसा के जाहिर खान उर्फ अब्दुल जाहिर, सदस्य करेली के मो. साहिद और मो. अफजल को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।
आरोपितों के कब्जे से एक लाख 30 हजार रुपये की नकली नोट (100-110 रुपये की), प्रिंटर, कटर ब्लेड , कैंची, हरा चमकीला टेप, दो बंडल कागज, नोट काटने वाली पटरी बरामद की गई थी।
इसके बाद मदरसे के कमरे की जांच में महाराष्ट्र के पूर्व आइजी एसएम मुशरिफ द्वारा लिखित किताब ‘आरएसएस देश का सबसे बड़ा : आतंकवादी संगठन’ भी बरामद की गई थी।