
Ranhera Village News File Photo
नोएडा[TV 47 न्यूज़ नेटवर्क ] रन्हेरा गांव में 17 करोड़ की लागत से बन रहे नाले की जांच शुरू हो गई है।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने निर्माण के दौरान लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ राज्य स्तरीय कमेटी बनाकर मुख्य अभियंता और विभागाध्यक्ष (सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग) को नाले का दौरा करने के आदेश दिए हैं।
जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह ने बुधवार को मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और अपर मुख्य सचिव एसपी गोयल को रन्हेरा में जलभराव से उत्पन्न स्थिति से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि नालों में गंदगी जमा होने से गांव के 500 से अधिक घरों में बरसात का गंदा पानी घुस गया है। इससे सैकड़ों लोगों के सामने विस्थापन की समस्या खड़ी हो गई है। गांव में जलभराव के कारण मच्छर जनित बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है। विधायक ने अधिकारियों को बताया कि बरसात से पहले नालों की सफाई नहीं हो पाई, जिससे गांव में जलभराव हो गया। उन्होंने नालों की डिजाइन पर भी सवाल उठाए, जिसके बाद उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव ने राज्य स्तरीय कमेटी बनाकर निर्माण में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू करने के आदेश दिए हैं।
नाले की सफाई पर दो करोड़ खर्च करेगा यीडा
ग्रामीणों को जलभराव से निजात दिलाने के लिए यमुना विकास प्राधिकरण ने दो करोड़ रुपये का बजट जारी करने का फैसला किया है, ताकि नाले की सफाई हो सके और जल निकासी हो सके। सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि रनहेरा गांव की जमीन नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए अधिग्रहीत की गई है, इसलिए जमीन पर व्यवस्था सुधारने की जिम्मेदारी नागरिक उड्डयन विभाग और जिला प्रशासन की है। जिला प्रशासन को समय रहते सिंचाई विभाग से नालों की सफाई करा लेनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। गांव में पानी भरने के बाद यमुना प्राधिकरण की टीम मौके पर भेजी गई, जहां जांच के दौरान नाला पूरी तरह से जाम मिला। जबकि जल निकासी के लिए डेढ़ मीटर चौड़ा रास्ता बनाया गया था, लेकिन वहां से ओवरफ्लो होने के कारण पानी गांव में भर गया है। इसकी सफाई का काम इसी सप्ताह से शुरू हो जाएगा।