
ड्रोन। फाइल फोटो।
नोएडा, [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर एक प्रतिष्ठान में तैयार किया ड्रोन कृषिराज 10 चर्चा में है। यह बनकर पूरी तरह से तैयार है। ड्रोन की गुणवत्ता जांचने के बाद इसको बाजार में उतारा जाएगा। ड्रोन प्रौद्योगिकी की दिशा में यह बड़ा कदम है। इस परीक्षण के बाद इसे वैश्विक बाजार में उतारा जाएगा।
क्यूसीआई ने ड्रोन की गुणवत्ता जांचने की स्थायी मंजूरी दी
बता दें क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (क्यूसीआई) ने ड्रोन की गुणवत्ता जांचने के लिए गाजियाबाद स्थित राष्ट्रीय परीक्षण प्रयोगशाला को अस्थायी रूप से मंजूरी दे दी है। इस परीक्षण प्रयोगशाला (एनटीएच) के ऑडिटरों की एक टीम 11-12 सितंबर को नोएडा स्थित मेसर्स विमान एयरोस्पेस टेक्नोलॉजीज का दौरा करेगी।
ड्रोन मॉडल ‘कृषिराज 1.0’ का होगा मूल्यांकन
इस जांच का उद्देश्य कृषि क्षेत्र के लिए बनाए गए ड्रोन मॉडल ‘कृषिराज 1.0’ का मूल्यांकन करना है। यह मूल्यांकन ड्रोन नियम-2021 के तहत भारत में संचालित होने वाले ड्रोन के लिए अनिवार्य शर्तें और प्रकार प्रमाणन प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
कसौटी पर कसा जाएगा ड्रोन
एनटीएच गाजियाबाद की शाखा यह सुनिश्चित करेगी कि भारत में बने ड्रोन सुरक्षा, गुणवत्ता और प्रदर्शन के मामले में उच्चतम मानकों का पालन कर रहे हैं। राष्ट्रीय परीक्षण प्रयोगशाला का मुख्यालय कोलकाता में है। देश में इसके 6 क्षेत्रीय कार्यालय हैं। इनमें से एक गाजियाबाद है।
यहां गोला-बारूद को छोड़कर सभी सामान, उत्पाद, उपकरण का परीक्षण और मूल्यांकन किया जाता है। यहां यह तय किया जाता है कि उक्त चीजें मानक के अनुसार बनी हैं या नहीं। प्रयोगशाला का प्रमाण पत्र मिलने के बाद ही उन चीजों को भारत में इस्तेमाल करने की अनुमति दी जाती है।
ड्रोन उद्योग में सबसे कम शुल्क वसूलने का दावा
अब गाजियाबाद स्थित प्रयोगशाला को भी ड्रोन के प्रमाणन की मंजूरी मिल गई है। यह पहल भारत को ड्रोन प्रौद्योगिकी के लिए वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने, सुरक्षित और प्रमाणित ड्रोन का समर्थन करने के सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
राष्ट्रीय परीक्षण गृह (एनटीएच) प्रमाणन प्रक्रिया के लिए 1.5 लाख रुपये के अत्यधिक प्रतिस्पर्धी शुल्क पर अपनी ड्रोन प्रमाणन सेवाएं प्रदान कर रहा है। दावा किया जाता है कि यह शुल्क ड्रोन उद्योग में सबसे कम है।