
VP Inaugurated First Sainik School in Gorakhpur File Photo
गोरखपुर [TV 47 न्यूज़ नेटवर्क] गोरखपुर में सैनिक स्कूल के निर्माण के बाद यह तय कर रहे थे कि इसका उद्घाटन कौन करे। तब बताया गया कि उपराष्ट्रपति ने 1962 से 1969 तक सैनिक स्कूल के छात्र के रूप में शिक्षा व दीक्षा ली। हर क्लास में प्रथम स्थान प्राप्त कर नए भारत के निर्माण में अपने अनुभव का लाभ प्रदान कर रहे हैं।
आज लोकार्पण समारोह में उनकी उपस्थिति भावुक करने वाला क्षण है। शनिवार को सैनिक स्कूल का लोकार्पण करने पहुंचे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का स्वागत करने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि 1960 में देश का पहला सैनिक स्कूल लखनऊ में खुला था।
1961 में पांच और सैनिक स्कूल खुले। उपराष्ट्रपति उसी में से एक चित्तौड़गढ़ सैनिक स्कूल के पुरातन छात्र हैं। 50 एकड़ क्षेत्रफल में स्थापित गोरखपुर में बना पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रथम सैनिक स्कूल अनुशासन के प्रति उत्तरदायित्व के साथ-साथ हमारा क्या कर्तव्य है, इसका भी बोध कराएगा। उन्होंने कहा कि यह प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण दिन है।
गोरखपुर पौराणिक व एतिहाइक काल खंड से ही महत्वपूर्ण जनपद रहा है। आजादी की लड़ाई में 1957 में बलिदानी बंधु सिंह के नेतृत्व में विदेशियों की चूलें हिलाने का काम किया था। चौरी चौरा में 1922 में घटी घटना भी इस संघर्ष को एक गति देता है। यह धरती प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण है।
यहां से 50 किमी पर कुशीनगर, 90 किमी पर लुम्बिनी, 25 किमी पर मगहर, पौने दो सौ किमी अयोध्या, सवा दो सौ किमी पर काशी स्थित है। यह विकास की एक नई गति के साथ आगे बढ़ रहा है। यह परिसर बंद खाद कारखाना का था। यह फिर से न केवल आधुनिक भारत में कृषि की उत्पादकता को बढ़ाने व लागत कम करने में फिर से जुट गया है।
आज यहां पर एम्स, बीआरडी मेडिकल कालेज तेजी से विकास के अभियान को गति दे रहा है। बंद चीनी मिलें चलवाई गईं, जिससे ये एक बार फिर रोजगार का प्रमुख साधन बन रही हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर भी गोरखपुर को नई पहचान दे रहा है। उत्तर प्रदेश के उत्तर पूर्व का यह क्षेत्र शिक्षा, स्वास्थ्य व निवेश के अच्छे डेस्टिनेशन के रूप में आगे बढ़ा है।