
भेड़ियां । फाइल फोटो।
प्रयागराज [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। इन दिनों यूपी के तराई इलाकों में आदमखोर भेड़ियों का आतंक है। इन भेड़ियों ने दर्जनों लोगों को अपना निशाना बनाया है। यह पहली बार नहीं है कि इन इलाकों में भेड़ियों का आतंक फैला है। इसके पहले भी इन आदमखोर भेड़ियों ने उत्तर प्रदेश सरकार और प्रशासन की नींद उड़ा दी थी। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर इन तराई क्षेत्रों में आदमखोर भेड़ियों का आतंक क्यों होता है। इस तराई क्षेत्र में ही ये क्यों पाए जाते हैं। क्या भेड़िया आदमखोर होता है।
1- विशेषज्ञों का कहना है कि भेड़िए झुंड में रहते हैं और इनका सोशल स्ट्रक्चर बहुत मज़बूत होता है। इसमें दो से दस जानवर तक रह सकते हैं। ये ब्रीडिंग सीजन यानी अक्तूबर से पहले सुरक्षित जगह की तलाश करते हैं। फिर अपने बच्चों को वयस्क होने तक पालते हैं और उनको शिकार करना भी सिखाते हैं।
2- ये इंसान की आबादी की तरफ फेरल यानी अवारा कुत्तों की तलाश में रहते हैं। गलती से इंसान पर हमला करते हैं। फिर वही आदत बन जाती है। इनके इलाके में बाढ़ आने पर ये भेड़िए आसान भोजन की तलाश में आबादी में प्रवेश करते हैं और बच्चों को अपना निशाना बनाते हैं।
3- विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश के मौसम में इनके इलाकों में औसत से ज्यादा बारिश होती है। क्षेत्र की राप्ती नदी में बाढ़ का प्रकोप होता है। कछार इलाकों में जान-माल को भी बड़ा नुकसान होता है। ऐसे में ये भेड़ियां अपने शिकार के लिए यहां से पलायन करते हैं। आहार की खोज में यह आबादी में प्रवेश कर जाते हैं। ऐसा कई बार देखा गया है। मानव आबादी में यह पहले पशुओं और कुत्तों की खोज में रहते हैं। इसके बाद इनका निशाना बच्चे बन जाते हैं।
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