
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार सुबह जन्माष्टमी पर ताजगंज में वीर दुर्गादास राठौर की प्रतिमा का अनावरण किया।
आगरा, [TV 47 न्यूज नेटवर्क]। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने सोमवार सुबह जन्माष्टमी पर ताजगंज में वीर दुर्गादास राठौर की प्रतिमा का अनावरण किया। मुख्यमंत्री ने दुर्गादास राठौर की वीरता का जिक्र करते हुए राष्ट्र को सर्वोपरि बताया। उन्होंने कहा कि राष्ट्र से बढ़कर कुछ नहीं हो सकता है। यह तब होगा जब हम एक रहेंगे। हम बंटेंगे तो कटेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि बांग्लादेश में देख रहे हो न क्या हो रहा है। ऐसी गलती यहां नहीं होनी चाहिए। एक रहेंगे तो सुरक्षित रहेंगे। बाबा के इस बयान के बाद सियासी पारा गरमा गया है। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव को मिर्ची लगी है। इस पर उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने कहा कि हम भारत माता के इस महान सपूत की प्रतिमा लोकार्पण का कार्यक्रम ऐसे समय पर कर रहे हैं, जब काकोरी ट्रेन एक्शन की शताब्दी के कार्यक्रम चल रहे हैं। हम इतिहास जानते हैं। दुष्ट औरंगजेब का आगरा से भी संबंध था। हिंदू पद पादशाही के नायक शिवाजी महाराज ने औरंगजेब को चुनौती दी थी।
राजस्थान में जोधपुर नरेश महाराजा जसवंत सिंह संभाल रहे थे। उनके सेनापति वीर दुर्गादास राठौर थे। कई बार औरंगजेब ने प्रयास किया, लेकिन वह सफल नहीं हो सका। क्योंकि वहां दुर्गादास राठौर थे। मगर, औरंगजेब चालबाज था। उसने चाल चली। महाराज जसवंत सिंह से संधि की। उन्होंने कहा कि आप हमारा सहयोग करो। अफगानियों का मुकाबला करने के बहाने राजा जसवंत सिंह को लेकर चला गया और हत्या कर दी।
उनके पुत्र अजीत सिंह अकेले रह गए। औरंगजेब ने धोखे से पुत्र को मारने का षड़यंत्र रचा। वीर दुर्गादास राठौर एक सन्यासी के वेश में राजकुमार को लेकर चले गए।बालिग होने पर उनका राज्याभिषेक किया। वीर दुर्गादास राठौर की लड़ाई राष्ट्र, स्वदेश और स्वधर्म के लिए थी। उन्होंने अंतिम दम तक बाल बांका नहीं होने दिया।अजीत सिंह ने वीर दुर्गादास राठौर के सामने प्रधानमंत्री बनाने का प्रस्ताव रखा।मगर, उन्होंने स्वीकार नहीं किया।जिस देश में दुर्गादास राठौर जैसे वीर पैदा होते हों, उस देश का कोई क्या बिगाड़ सकता है।