
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन । फाइल फोटो
नई दिल्ली [TV 47 न्यूजनेटवर्क] । इटली में हो रहे जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान अमेरिका और यूक्रेन के बीच 10 वर्ष का एक बड़ा रक्षा समझौता हुआ है। यूक्रेन और अमेरिका के इस समझौते के बाद रूसी राष्ट्रपित का यह बयान सामने आया है कि वह यूक्रेन जंग को बंद करने के लिए इच्छुक हैं। उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका और यूक्रेन के बीच रक्षा समझौते पर करार हुआ है। ऐसे में पुतिन का यह बयान इससे जोड़कर देखा जा रहा है। आइए जानते हैं आखिर इसके क्या निहितार्थ हैं।
क्या कहा पुतिन ने
यूक्रेन जंग के प्रति रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का रवैया अचानक नरम पड़ गया है। आखिर इसकी बड़ी वजह क्या है। पुतिन अपने स्टैंड से पीछे क्यों हट रहे हैं। रूसी राष्ट्रपित ने यूक्रेन के समक्ष क्या शर्तें रखी हैं। पुतिन ने कहा है कि है कि अगर यूक्रेन 2022 में मास्को द्वारा कब्जा किए गए चार क्षेत्रों से सैनिकों को वापस बुलाना शुरू कर देता है और नाटो में शामिल होने की योजना को त्याग देता है, तो वह यूक्रेन में तुरंत युद्ध विराम का आदेश देंगे। उन्होंने कहा कि उनका प्रस्ताव यूक्रेन में संघर्ष को स्थिर करने के बजाय अंतिम समाधान के उद्देश्य से है। उन्होंने जोर देकर कहा कि क्रेमलिन बिना देरी के बातचीत शुरू करने के लिए राजी है।
रूसी राष्ट्रपित ने शांति के लिए जो मांगें रखी हैं, उनमें यूक्रेन की गैर-परमाणु स्थिति, उसके सैन्य बल पर प्रतिबंध और देश में रूसी भाषी आबादी के हितों की रक्षा करना भी शामिल है। उन्होंने कहा कि इन सभी को मौलिक अंतरराष्ट्रीय समझौतों का हिस्सा बनना चाहिए और रूस के खिलाफ सभी पश्चिमी प्रतिबंधों को हटा दिया जाना चाहिए।
अमेरिका और यूक्रेन के बीच करार
उधर, इटली में हो रहे जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान अमेरिका और यूक्रेन के बीच दस वर्षों का एक अहम रक्षा समझौता हुआ है। यूक्रेन ने इसे एतिहासिक कहा है। इटली के अपुलिया में सम्मेलन के दौरान यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेस्की और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस अहम द्विपक्षीय रक्षा मसझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस रक्षा करार के तहत अमेरिका यूक्रेन को सैन्य और प्रशिक्षण के लिए मदद देगा। व्हाइट हाउस के अनुसार, इस रक्षा करार के तहत अमेरिका और यूक्रेन मिलकर यूक्रेन की रक्षा क्षमता बढ़ाने, रक्षा के लिए जरूरी उसके उद्योगों का विकास करने, मौजूदा आर्थिक स्थिति से उबरने और उर्जा सुरक्षा बढ़ाने में मदद करेंगे। इसमें ये भी कहा गया है कि अगर भविष्य में रूस यूक्रेन पर सशस्त्र हमला करता है तो यूक्रेन की मदद और रूस पर प्रतिबंध लगाने के लिए उच्चतम स्तर पर चर्चा की जाएगी।