
नई दिल्ली [TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। बुधवार की सुबह मीडिया पर भारत बंद की खबर सुनकर लोग चौंक गए। देश में अधिकतर लोगों को इस बंद के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। सुबह टीवी खोलते ही बंद की खबर से लोग असमंजस में थे कि आखिर यह बंद क्यों है। लोगों के फोन घनघनाने लगे। इसके बाद जनता टीवी खोल कर बैठ गए। सोशल मीडिया पर आमजन सर्च करने लगे। आखिर यह बंद क्यों किया गया है? इसके पीछे कौन है? क्या है लोगों की मांग? इसको लेकर राजनीतिक दलों में क्या है राय? पहले हम आपको बताते हैं उस पर्चे का राज।
रात में बंद समर्थकों ने सोशल मीडिया पर बांटा पर्चा
रात में एक पर्चा बंद के समर्थन में बांटा जा रहा था। इसकी भाषा काफी सख्त, अप्रिय और अलोकतांत्रिक थी। इसमें धमकी और कई चेतावनी जारी है। हम इस पर्चे को शेयर कर रहे हैं आप इसे पढ़ सकते हैं और अपना फैसला ले सकते हैं……

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ बंद
1- भारत बंद का आह्वान अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के हाल के फैसले के खिलाफ है। शीर्ष अदालत ने एक अगस्त को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के आरक्षण को लेकर एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली सात जजों की संविधान पीठ ने 6-1 के बहुमत से फैसला सुनाया था कि राज्य सरकारों को एससी-एसटी आरक्षण के भीतर उप-वर्गीकरण करने का संवैधानिक अधिकार है। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि उप वर्गीकरण से उन जातियों को आरक्षण का लाभ दिया जा सकेगा, जो सामाजिक और शैक्षणिक रूप से ज्यादा पिछड़ी हैं। इसी को लेकर एससी-एसटी समाज में आक्रोश गहरा गया है।
2- क्रीमीलेयर के आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ कई दलित और आदिवासी संगठनों ने ये बंद बुलाया है। इसके साथ ही उन्होंने कई मांगों की एक लिस्ट भी जारी की है। उनकी ये मांग अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए है। दलित और आदिवासी संगठनों के भारत बंद को कई राजनीतिक संगठनों का भी समर्थन हासिल है
कई दलित संगठनों और राजनीतिक दलों को मिला समर्थन
दलित संगठनों और बसपा, आजाद समाज पार्टी और राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं से बंद के समर्थन का आह्वान किया है। भीम आर्मी और बसपा कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालयों में शांतिपूर्ण रैली निकालने का निर्णय लिया है। वे डीएम ऑफिस पहुंचकर जिलाधिकारी को मांग से संबंधित ज्ञापन सौंपेंगे। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने इस बंद का आहृवान किया है। बसपा कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालयों में शांतिपूर्ण रैली निकालने का निर्णय लिया है। वे डीएम ऑफिस पहुंचकर जिलाधिकारी को मांग से संबंधित ज्ञापन सौंपेंगे। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने इस बंद का आहृवान किया है। बिहार में आरजेडी ने भी इसका समर्थन किया है। स्वामी प्रसाद मौर्य की राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी ने भी भारत बंद का समर्थन किया है।