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मवाना (मेरठ) [ TV 47 न्यूज़ नेटवर्क ] प्राइमरी पाठशाला नंबर एक में शनिवार को लापरवाही की हद हो गई। अध्यापिकाएं छह वर्षीय बालिका को कमरे में बंद करके घर चली गईं। घंटों बाद रोने चीखने की आवाज मंदिर परिसर में मौजूद जब महिलाओं व ग्रामीणों ने सुनीं तो वह बचाव को पहुंचे। ग्रामीणों का गुस्सा भी फूट पड़ा। सूचना पर खंड शिक्षा अधिकारी त्रिवेंद्र सिंह और एसओ बहसूमा इंदू वर्मा पहुंचे और ताला खोलकर बच्ची को बाहर निकाला। उधर, बीएसए ने तत्काल प्रभाव से प्रधानाध्यापिका अनीता रानी को निलंबित कर दिया है।
खंड शिक्षा क्षेत्र मवाना के गांव अकबरपुर सादात में मंदिर परिसर में ही स्थित प्राइमरी पाठशाला नंबर एक है, जिसमें करीब 150 बच्चों पर प्रधानाध्यापिका अनीता रानी व तीन शिक्षिकाएं और एक शिक्षा मित्र हैं। एक सप्ताह पहले ही छह वर्षीय नैना पुत्री राहुल का एडमिशन कक्षा एक में हुआ था।
करीब दो बजे छुट्टी होने पर प्रधानाध्यापिका स्टाफ के साथ स्कूल बंद कर घर चली गईं। जबकि मंदिर में चल रही श्रीमद्भगवत कथा करीब साढ़े तीन बजे जब बंद हुई तो वहां मौजूद महिलाओं व ग्रामीणों ने कमरे में बंद बालिका के रोने की आवाज सुनाई दी। इस बीच खोजते हुए बालिका के पिता राहुल व अन्य स्वजन भी वहां पहुंच गए।
ग्राम प्रधान दीपक कुमार ने एसडीएम मवाना अंकित कुमार को सूचना दी। जिस पर खंड शिक्षा अधिकारी त्रिवेंद्र सिंह व बहसूमा थाना प्रभारी इंदू वर्मा भी पहुंच गए। इस बीच शिक्षा मित्र भी स्कूल की चाबी लेकर पहुंच गए और ताला खोलकर बालिका को बाहर निकाला। बीएसए आशा चौधरी ने लापरवाही मानते हुए प्रधानाध्यापिका अनीता रानी को निलंबित कर दिया।
उधर, प्रधानाध्यापिका अनीता रानी से घटनाक्रम के बारे में फोन पर बात की तो उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि मेरी तबीयत खराब हो गई है, मैं बाद में बात करुंगी। दूसरी ओर, थाना प्रभारी इंदु वर्मा ने बताया कि बालिका के पिता ने कोई कार्रवाई नहीं करने की बात कहते हुए लिखकर दे दिया है।
आंखें खुली तो अंधेरे कमरे में बंद मिली
बंद कमरे से बाहर आई बालिका ने खंड शिक्षा अधिकारी व मौजूद लोगों को बताया कि वह बेंच पर सो गई थी। आंख खुली कक्ष में अंधेरा था। उसने दरवाजा व खिड़की खोलने का प्रयास किया, लेकिन वह बंद थी। रोते व चीखते हुए बच्ची का गला भी सूख गया।