
भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट पेरिस ओलंपिक से भारत वापस लौटीी।
नई दिल्ली [TV 47 न्यूज नेटवर्क]। भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट पेरिस ओलंपिक से भारत वापस लौट आई हैं। दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से बाहर निकलते ही उनके प्रशंसकों ने उनका जोरदार स्वागत किया। भारत की धरती पर पैर रखते ही वह अत्यधिक भावूक हो गईं। विनेश जब शनिवार सुबह दिल्ली एयरपोर्ट से बाहर निकलीं तो उनकी आंखों से आंसू बह रहे। एयरपोर्ट से बाहर निकलते ही विनेश अपनी मां से लिपटकर रोने लगीं। वह जब साक्षी मलिक के गले लगीं उनकी आंखों से झर-झर आंसू बह रहे थे। वह मीडिया के सामने वह कुछ बोल नहीं सकीं। उनकी आंखों से बस आंसू ही गिरते रहे। पहलवान विनेश फोगाट की पोस्ट की गई भावनात्मक चिट्ठी ने सबको झकझोर कर रख दिया हे। बता दें कि ओलंपिक के फाइनल में पहुंचकर, खेल से पहले अयोग्य करार दी गई। आइए जानते हैं कि उनके भावुक पोस्ट के कुछ अंश….
विनेश फोगाट का भावूक खत, जानें क्या लिखा है….
1- महिला पहलवान विनेश फोगाट ने अपनी चिट्ठी में अपने पिता को याद किया है… उन्होंने एक लड़की के सपने और उन सपनों से टूट जाने के दर्द को भी साझा किया है….विनेश ने अपने करियर और अपनी लड़ाई में साथ देने के लिए अपने पति सोमवीर का भी धन्यवाद दिया है…
2- मैं एक छोटी लड़की के रूप में लंबे बाल, हाथ में मोबाइल फ़ोन दिखाना और सपनों में वो सब देखती हूँ जो आमतौर पर कोई भी युवा लड़की सपने में देखती है…मेरे पिता एक साधारण बस चालक थे… वो ख़ुद सड़क पर गाड़ी चलाते हुए मुझे विमान में ऊंची उड़ान भरते हुए देखना चाहते थे… मां के लिए आजाद होना और बच्चों का अपने पैरों पर खड़ा होते हुए देखना एक सपना था…
3- मेरे पिता की मृत्यु के कुछ महीने बाद ही मां को स्टेज 3 कैंसर का पता चला था… यहां से उनके तीन बच्चों का सामना हdh कत से हुआ, जो अपनी अकेली मां के लिए अपना बचपन खो देने वाले थे….मां हमेशा कहती थीं कि भगवान अच्छे लोगों के साथ कभी बुरा नहीं होने देंगे… मुझे इस पर उस वक्त और भी अधिक विश्वास हुआ जब मेरी मुलाकात सोमवीर से हुई….सोमवीर ने अपने सहयोग से मेरे जीवन में अपनी जगह बनाई है और हर भूमिका में मेरा साथ दिया….
4- अपने काम और भारतीय खेलों के प्रति डा. दिनशा पारदीवाला और उनकी पूरी टीम के काम और समर्पण के लिए हमेशा आभारी हूं…विनेश ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि हमने आत्मसमर्पण नहीं किया, लेकिन घड़ी रुक गई और समय ठीक नहीं था… मैं यह नहीं जानती कि भविष्य में क्या होगा, लेकिन मुझे यकीन है कि मैं सच के लिए हमेशा लड़ना जारी रखूंगी….
5- कहने को बहुत कुछ है, लेकिन इसके लिए शब्द कभी भी पर्याप्त नहीं होंगे… शायद जब समय सही लगेगा तब मैं दोबारा बोलूंगी… मैं बस इतना कहना चाहती हूं कि हमने हार नहीं मानी, हमारे प्रयास नहीं रुके हैं….
6- विनेश ने लिखा है पिछले डेढ़-दो साल में मेरे जीवन में कई मोड़ आए… ऐसा लगा जैसे जीवन हमेशा के लिए रुक गया है… हम जिस खाई में थे उससे बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं था…मैं 28 मई 2023 की भारतीय झंडे के साथ अपनी तस्वीरें देखती हूं, तो यह मुझे परेशान कर देता है… पहलवानों के विरोध के दौरान मैं भारत में महिलाओं की पवित्रता, हमारे भारतीय झंडे की पवित्रता और मूल्यों की रक्षा के लिए कड़ी मेहनत कर रही थी….
विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक में मिली निराशा के बाद शुक्रवार को एक लंबा बयान जारी किया है। चार पन्नों के अपने बयान में विनेश ने अपने करियर से जुड़े कई लोगों का धन्यवाद किया है। उन्होंने लिखा कि अगर हालात कुछ और होते तो मैं शायद 2032 तक कुश्ती करती रहतीं।
ओलंपिक मेडल विजेता पहलवान साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया भी उनके स्वागत के लिए एयरपोर्ट पर मौजूद थे। विनेश के स्वागत में कांग्रेस नेता दीपेंद्र हु्ड्डा भी दिखे। खुली मर्सडीज कार की छत पर विनेश के साथ दीपेंद्र हुड्डा सबसे आगे नज़र आए। जाट संगठनों के अलावा किसान संगठनों के कार्यकर्ता भी उनके स्वागत के लिए मौजूद रहे।