
नई दिल्ली [TV 47 न्यूज नेटवर्क] । जम्मू कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं के बीच आज निर्वाचन आयोग विधानसभा चुनाव की घोषणा कर सकता है। यह उम्मीद की जा रही है कि दोपहर 3 बजे तक तिथियों का एलान हो सकता है। जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद राज्य में यह पहला विधानसभा चुनाव है। इसके साथ हरियाणा विधानसभा चुनाव की तिथियों की भी घोषणा हो सकती है।
चुनाव आयोग ने 10 वर्ष बाद जम्मू-कश्मीर राज्य विधानसभा चुनावों की घोषणा कर दी है। चुनाव तीन चरणों में 18 सितंबर से 01 अक्टूबर तक होंगे। हालांकि, परिसीमन में राज्य में जितनी सीटें निर्धारित की गईं, उतने पर चुनाव नहीं होंगे। जम्मू-कश्मीर में कुल 114 विधानसभा सीटें हैं, लेकिन राज्य में विधानसभा सीटों के डिलीमिटेशन के बाद चुनाव केवल 90 सीटों पर ही होंगे। दरअसल ये 24 सीटें पीओके यानि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में राजनीतिक और प्रशासनिक परिवर्तनों के कारण इनमें से केवल 90 सीटों के लिए चुनाव होना तय है।
114 सीटों में 24 सीटें पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर के क्षेत्रों के लिए आरक्षित हैं,। इसका अर्थ है कि उन पर चुनाव नहीं लड़ा जा सकता है। इसलिए, चुनाव के लिए उपलब्ध सीटों की प्रभावी संख्या 90 है। जम्मू संभाग में 43 और कश्मीर संभाग में 47। राज्य का विशेष दर्जा खत्म होने के बाद यहां पहली बार विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं.
उधर, कश्मीर में संसदीय चुनाव में कांग्रेस और क्षेत्रीय दलों के बीच ही लड़ाई रही है, जिसमें क्षेत्रीय दल हमेशाा भारी साबित हुए। जम्मू कश्मीर की राजनीति में नेशनल कान्फ्रेंस और पीडीपी के अलावा जम्मू कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी जैसे क्षेत्रीय दलों का अच्छा खासा प्रभाव रहा है। वर्ष 1957 से 2019 तक हुए लोकसभा चुनावों में ऊधमपुर-कठुआ सीट पर कांग्रेस ने 10 बार चुनाव जीता है, जबकि भाजपा पांच बार जीती।