
टीवी 47 की फाइल फोटो।
मेरठ, [TV 47 न्यूज नेटवर्क]। Meerut News: अगर आप नई बाइक, नया स्कूटर, नई स्कूटी लेकर चल रहे हैं तो सावधान हो जाइए। ठगी का एक नया रैकेट शहर में सक्रिय है। आप भी इसके निशाने में आ सकते हैं। कुछ इस तरह से ये गैंग के सदस्य आपको झांसे में लेते हैं। पहले स्प्लेंडर बाइक पर सवार युवक आपको सुनसान क्षेत्र में रोककर कहेंगे कि आपकी किश्त जमा नहीं हो रही। इसलिए चाबी दीजिए, या पेमेंट करिए। इसके बाद ये गैंग अपना काम कर देता है और आंख फाड़कर देखते रह जाते हैं। आपके पास कोई दूसरा रास्ता नहीं बचता। इसके बाद आप पुलिस की मदद की गुहार लगाते रहिए वह दूर तक नहीं नजर आएगी।
मेडिकल थाने के तेजगढ़ी चौराहे के आसपास तेजगढ़ी चौकी के पुलिस कर्मियों की मदद से ये धंधा चरम पर है। यही वजह है कि शहर के इस अति व्यस्ततम चौराहे पर सीसीटीवी ढंग से काम नहीं करता। दैनिक जागरण के दो पत्रकार भी इस लूट का शिकार हो चुके हैं। एक मनीष यादव और दूसरे शरद व्यास। हालांकि, एसपी सिटी की मुज़फ्फरनगर की तरह अपरदन नियंत्रण का भरसक प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उन्हीं के महकमे के कुछ लोग जेब भरने की रणनीति पर चल रहे हैं।
तेजगढ़ी पुलिस चौकी के चारों तरफ 200 मीटर के दायरे में अपराधियों का बोलबाला है। अपवाद को छोड़ कर चौकी पर एक मात्र सिपाही आपको मिलेगा। बेगम पुल के बाद तेजगढ़ी एक मात्र ऐसा अति व्यस्ततम चौराहा है जहां से आप सूबे के हर जिले और दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड आदि राज्यों के लिए आते-जाते हैं। पास में ही प्रदेश सरकार के मंत्री सोमेंद्र तोमर का आवास भी है। इसके बावजूद लचर यहां की व्यवस्था बेहद लचर है।
इससे बड़ा ताज़ा उदाहरण और क्या होगा कि दैनिक जागरण समूह के केंद्रीय समीक्षक और संपादक जैसे अति महत्वपूर्ण पद पर रहे देवेश त्यागी को भी दो संदिग्ध बाइक सवार युवकों ने रोककर तेजगढ़ी चौकी के ही पास स्कूटी के कागज़, चाबी आदि मांगे। डांटने और पुलिस को फोन करने की बात कहने पर दोनों भाग गए। पीछे बैठे युवक ने बाइक की नम्बर प्लेट पर डायन हाथ रखा हुआ था। इसलिए नम्बर नहीं देखा जा सका। इससे पहले उनके बेटे के साथ भी लगभग एक डेढ़ माह पहले इसी चौकी के पास इन्हीं दो युवकों ने ऐसा ही किया था।
मुख्यमंत्री योगी की अपराध विहीन यूपी को मेरठ के कई थाने ऐसे ही पलीता लगा रहे हैं। घटना के बाद देवेश त्यागी तत्काल तेजगढ़ी चौकी पहुंचे पर एक सिपाही के अलावा वहां कोई नहीं था। परिचय देने के काफी देर बाद 2 स्टार दरोगा और सिपाही बुलाए गए। और वो आस-पास खंगालने की बजाय लिखित शिकायत देने पर ही समय जाया करते रहे। तब जब उनसे बार बार अनुरोध किया जाता रहा कि आसपास के सीसीटीवी तो देख लें। एसपी सिटी के आदेश पर बाद में पुलिस ने औपचारिकता पूरी की।
इंस्पेक्टर मेडिकल ने तो सारा मामला अधीनस्थ पर छोड़ फ़िया। ये सारा मंज़र इत्तिफ़ाक़ से हमारे चैनल का सूत्र देखता रहा। त्यागी को एक सिपाही ने ये भी कहा कि आप मिमहेन्स के कट पर जाईये। वहीं ऐसे फ्राड करने वालों का जमावड़ा रहता है या आनंद हॉस्पिटल के पास ये खड़े रहते हैं और नए टू व्हीलर के लोगों को ठगते हैं। यानी पुलिड को पता है कि ये कौन लोग हैं