
CM Yogi Aditya Nath file photo
लखनऊ[ TV 47 न्यूज़ नेटवर्क ] मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कल विशेष कार्यक्रम के तहत शिव भक्तों पर पुष्प वर्षा करेंगे। यह आयोजन मेरठ, बागपत, और गाजियाबाद में होगा, जहां मुख्यमंत्री शिव भक्तों की भीड़ को पुष्पों से सम्मानित करेंगे।
मुख्यमंत्री का कार्यक्रम सुबह 11:30 बजे से 12:30 बजे तक निर्धारित है, जिसमें वे हवाई सर्वेक्षण के माध्यम से कांवड़ यात्रा के मार्ग पर निगरानी करेंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री का हवाई सर्वेक्षण मेरठ, बागपत, और गाजियाबाद के क्षेत्रों में होगा। हवाई निरीक्षण से पहले मुख्यमंत्री इन क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्थाओं और कांवड़ यात्रा के प्रबंधों की स्थिति की समीक्षा करेंगे।
मुख्यमंत्री के इस कदम का उद्देश्य कांवड़ यात्रा के दौरान शिव भक्तों की सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित करना है। पुष्प वर्षा के माध्यम से मुख्यमंत्री श्रद्धालुओं को सम्मानित करेंगे और यात्रा की सफलता की कामना करेंगे। इस कार्यक्रम से पहले प्रशासन और पुलिस विभाग को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित करें और श्रद्धालुओं की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखें।
अयोध्या में श्रद्धालुओं का सैलाब
सावन त्रयोदशी यानी सावन शिवरात्रि पर रामनगरी में कांवड़ियों का रेला उमड़ने की उम्मीद है। इसको लेकर प्रशासन अलर्ट पर है। रामनगरी की सुरक्षा सख्त कर दी गई है। यातायात प्रतिबंध और कड़े कर दिए गए हैं। वहीं सावन शिवरात्रि की पूर्व संध्या में बाइक से 50 हजार से अधिक कांवड़िए अयोध्या पहुंचे। सरयू में डुबकी लगाकर विभिन्न शिवालयों व मंदिरों में दर्शन-पूजन किया।
सावन शिवरात्रि पर करीब दो लाख कांवड़िया भक्तों के आगमन की संभावना है। इससे पहले बृहस्पतिवार को बाइक से पहुंचे कांवड़िया भक्तों से रामनगरी पटी नजर आई। गोंडा व बस्ती से बाइक से पहुंचे कांवड़िया भक्तों ने सबसे पहले पावन सलिला सरयू में डुबकी लगाई। इसके बाद नागेश्वरनाथ, रामलला, हनुमानगढ़ी व कनक भवन के दरबार में हाजिरी लगाई।
भीड़ का सर्वाधिक दबाव नागेश्वरनाथ व सिद्धपीठ हनुमानगढ़ी में रहा। वहीं कांवड़िया भक्तों की बाइक रामकथा पाके सामने खड़ी कराई गई। साकेत पेट्रोल पंप से धर्मपथ के फुटपाथ भी बाइक को खड़ा कराया गया। यहां से कांवड़िया श्रद्धालुओं को पैदल जाने की अनुमति रही। देर शाम आईजी प्रवीण कुमार, एसएसपी राजकरण नय्यर सहित अन्य पुलिस बल ने मेला क्षेत्र का भ्रमण किया।
72 साल बाद बन रहा दुर्लभ संयोग
आचार्य प्रवीण शर्मा बताते हैं कि सावन मास की शिवरात्रि पर 72 साल बाद दुर्लभ संयोग बन रहा है। गुरु प्रदोष, मृगशिरा, आर्द्रानक्षत्र के शुभ संयोग में सावन शिवरात्रि व्रत आरंभ होगा। भगवान शिव मात्र जलाभिषेक से ही प्रसन्न होते हैं। मनोवांछित फल पाने के लिए भगवान का पंचामृत अभिषेक किया जाता है। बिल्व पत्र चढ़ाया जाता है। धन की प्राप्ति के लिए गन्ने के रस से अभिषेक, पराक्रम के लिए अनार के रस, भक्ति के लिए केले से पूजन, समृद्धि के लिए चीकू, शांति और संतुष्टि के लिए नारंगी फल से अभिषेक की मान्यता है।